इजरायल ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया (फाइल फोटो)


इजरायल और लेबनान के बीच तकरार बढ़ती जा रही है, इजरायल हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के खात्मे के बाद भी बेरूत में हमले कर रहा है. इसी बीच इजरायली डिफेंस फोर्से ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों के खिलाफ ‘लिमिटेड’ ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर दिया है. लिहाजा लेबनानी आतंकवादी समूह के खिलाफ इजरायल ने एक नया मोर्चा खोल दिया है.

IDF ने X पर एक पोस्ट में कहा कि कुछ घंटे पहले आईडीएफ ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सीमित और टारगेटेड ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किए हैं. ये टारगेट बॉर्डर के करीब के गांवों में स्थित हैं और उत्तरी इजरायल में इजरायली समुदायों के लिए तत्काल खतरा पैदा करते हैं.

आईडीएफ ने कहा कि इजरायली वायु सेना और आईडीएफ आर्टिलरी क्षेत्र में सैन्य टारगेट्स पर सटीक हमलों के साथ ग्राउंड फोर्स को सपोर्ट कर रहे हैं. इन ऑपरेशन को पॉलिटिकल फील्ड के फैसले के अनुसार मंजूरी दी गई और उन्हें अंजाम दिया गया. 

इस ऑपरेशन से पहले इजरायल ने अमेरिका को बताया था कि वह इजरायल की सीमा के पास लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट करते हुए सीमित क्षेत्र में ग्राउंड ऑपरेशन चलाएगा. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने (इजरायल) हमें बताया है कि वे वर्तमान में सीमा के पास हिज्बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट करते हुए सीमित एरिया में ग्राउंड ऑपरेशन चला रहे हैं. मिलर ने कहा कि अमेरिका इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध विराम का समर्थन करना जारी रखता है, लेकिन उन्होंने कहा कि सैन्य दबाव कभी-कभी कूटनीति का कारण बन सकता है, उन्होंने आगाह किया कि सैन्य दबाव गलत अनुमान और अनपेक्षित परिणामों को भी जन्म दे सकता है. दरअसल, मिडिल ईस्ट में लगातार बिगड़ रहे हालात को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि मिडिल ईस्ट में पूर्ण युद्ध से बचना चाहिए. इसे लेकर वह इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बातचीत भी करेंगे.  

जमीन पर आक्रमण होने वाला है: इजरायल

सोमवार को इस बात के संकेत मिले हैं कि इजरायल लेबनान में जमीनी सैनिक भेजने की कगार पर है. दो सप्ताह तक लगातार हवाई हमलों और हिज्बुल्लाह कमांडरों की मौत के बाद इजरायल ने और भी कड़ा रुख अपनाते हुए संकेत दिया है कि जमीन पर आक्रमण होने वाला है. लेबनान में आतंकवादी ठिकानों पर इजरायली हमले गाजा के फिलिस्तीनी क्षेत्रों और कब्जे वाले पश्चिमी तट से लेकर यमन और इराक में ईरानी समर्थित समूहों तक फैले संघर्ष का हिस्सा हैं. 

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन बोले- इजरायल ने पूरे क्षेत्र को आग में झोंका

इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि अगर इजरायल को नहीं रोका गया तो संयुक्त राष्ट्र को बल प्रयोग की सिफारिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब और अधिक समय तक इजरायल की उस लूटपाट पर चुप नहीं रह सकता, जिसने पूरे क्षेत्र को आग में झोंक दिया है. अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जरूरी इच्छाशक्ति नहीं दिखाती है, तो जनरल असेंबली को 1950 के शांति के लिए एकता प्रस्ताव के अनुसार बल प्रयोग करने के अपने अधिकार को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.

मिडिल ईस्ट में बड़े युद्ध की आशंकाः रूस

मिडिल ईस्ट में लगातार बिगड़ते हालात के बीच रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन ने तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई, जब इस बात के संकेत मिल रहे थे कि इजरायल लेबनान में जमीनी सेना भेजने की कगार पर है. हालांकि रूस ने सोमवार को नसरल्लाह की हत्या की निंदा की और कहा कि हमें मिडिल ईस्ट में एक बड़े युद्ध की आशंका है. 

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