ईरान की ओर से इजरायल पर मिसाइल अटैक के बाद G7 देशों ने तनाव कम करने के लिए बुधवार को आपात बैठक बुलाई. बातचीत के दौरान G7 के नेताओं ने इजरायल के खिलाफ ईरान के हमले की कड़ी निंदा की. G7 में शामिल नेता ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं. उधर, बदले की आग में जल रहे इजरायल को भी अमेरिका ने सख्त संदेश दे दिया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह इजरायल का साथ दे रहा है, लेकिन अगर इजरायल ने ईरान पर परमाणु हमला किया तो अमेरिका इसमें उसका साथ नहीं देगा.
G7 के नेताओं ने कहा कि वे मिडिल ईस्ट में कूटनीतिक समाधान के लिए अभी भी आशान्वित हैं. उन्हें उम्मीद है कि बातचीत से इस संघर्ष का समाधान निकल सकता है. एक बयान जारी कर कहा गया कि ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) के नेताओं ने बुधवार को मिडिल ईस्ट में संकट पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की, लेकिन कहा कि कूटनीतिक समाधान अभी भी संभव है. जियोर्जिया मेलोनी ने G7 की अध्यक्षता की. हाल के घंटों में तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए G7 के नेताओं ने कहा कि क्षेत्र-व्यापी संघर्ष किसी के हित में नहीं है और इसका कूटनीतिक समाधान अभी भी संभव है. G7 में इटली के साथ अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और जापान शामिल हैं. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ईरान पर नए प्रतिबंधों को लगाने में शामिल रहे.
मिडिल ईस्ट युद्ध के मुहाने पर
ईरान ने इजरायल पर हमला करके पूरे मिडिल ईस्ट को बड़े युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. इस बीच इजरायल के आर्मी चीफ ने कहा है कि उनका देश मिडिल ईस्ट में कहीं भी हमला कर सकता है. ये बयान इसलिए अभी बहुत अहम है क्योंकि मंगलवार रात ईरान के अटैक के बाद से अब तक इजरायल ने ईरान को सीधा जवाब नहीं दिया है. लेकिन इसके बाद एक बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इटली पीएम मेलोनी द्वारा जी7 की आपात बैठक बुलाई गई.
इसके बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को जी7 नेताओं के साथ बातचीत की, जिसमें इजरायल पर ईरान के हमले के जवाब में नए प्रतिबंधों सहित समन्वय स्थापित करना शामिल है. बाइडेन ने कहा कि वह ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि इजरायल ने बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब देने का वादा किया है. साथ ही ईरान पर और पाबंदियां लगाने की बात भी कही.
जवाब देने की तैयारी में इजरायल
दरअसल, मंगलवार रात से सबको लग रहा है कि लड़ाई सिर्फ इजरायल और ईरान के बीच हो रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. इजरायल, ईरान, लेबनान, इराक, यमन, सीरिया, गाजा, वेस्ट बैंक और जॉर्डन तक इस वक्त युद्ध की आग, मिसाइल, गोला बारूद में फैली है. जहां इजरायल को ईरान, हमास, हूती समेत ईरान समर्थक दूसरे गुटों से एक साथ लड़ना पड़ रहा है. ईरान ने जब मंगलवार रात 180 मिसाइल एक साथ इजरायल पर दागीं तो साफ हो गया कि जवाब इजरायल भी देगा. लेकिन कब कहां और कैसे, इसी पर दुनिया की नजर लगी हुई है.
वहीं लेबनान में जमीनी लड़ाई आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच चल रही है. जहां इजरायल ने हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को तबाह कर दिया है. यमन में हूती विद्रोहियों के हमले का इजरायल ने दो दिन पहले ही जवाब दिया था. दरअसल, ईरान के पैसे पर पलने वाले हूती के आतंकी हमास से इजरायल की लड़ाई हो या हिजबुल्लाह, हर बार बीच में इजरायल पर अटैक करने लगता है. इस बार यमन में हूती के आतंकियों को इसीलिए इजरायल एक साथ मार रहा है.
अब ईरान को चुकानी पड़ेगी कीमत?
इराक में भी शिया आतंकी गुट पर भी हवाई हमला इजरायल ने किया है. जो ईरान के समर्थक हैं. सीरिया में भी ईरान समर्थक गुटों को निशाना बनाया. इसके अलावा उसने गाजा में हमास के खिलाफ बमबारी जारी रखी है. और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीन के समर्थन में बंदूक उठाकर इजरायल पर हमला करने वालों को नेतन्याहू की आर्मी जवाब दे रही है. इन सबके बीच जॉर्डन परेशान है. क्योंकि जब ईरान ने मिसाइल्स दागीं तो कुछ मिसाइल जॉर्डन में गिरी हैं. तो सात जगहों तक फैली वॉर फायर के बीच बेंजामिन नेतन्याहू के बयान पर सबकी निगाह है. इस सवाल के साथ कि आखिर अब ईरान को क्या कीमत चुकानी पड़ेगी?
तनातनी बढ़ रही है क्योंकि ईरान भी मिसाइल हमला करने के बाद चुप नहीं है. ईरान में सेना के कमांडर ने धमकी दी है. कहा है कि अगर अबकी बार इजरायल ने कुछ भी किया तो बड़े पैमाने पर इजरायल में तबाही ईरान मचाएगा. ईरान में ईरान आर्म्ड फोर्सेज के चीफ जनरल मोहम्मद बाघेरी ने कहा है कि अगर इस बार इजरायल ने उनके इलाके में कोई भी जवाबी कार्रवाई की तो ईरान की सेना अपने मिसाइल हमले को कई गुना तीव्रता के साथ दोहराएगी.