उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से सभी दुकानदारों को दुकान के सामने अपना नाम लिखने का आदेश जारी किया गया है. योगी सरकार के इस फैसले पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा. पूर्व सीएम ने कहा सरकार ने ऐसा ही फैसला कांवड़ यात्रा के समय भी लिया था, उसका क्या फायदा हुआ किसी को पता नहीं है.
मायावती ने आगे कहा कि यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तरां, ढाबों में मालिक, मैनेजर का नाम-पता के साथ कैमरा लगाना अनिवार्य करना खाद्य सुरक्षा के लिए कम, जनता का ध्यान भटकाकर चुनावी राजनीति ज्यादा है. उन्होंने कहा कि वैसे खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून हैं. फिर भी सरकारी लापरवाही और मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है.
बीएसपी सुप्रीमो ने यूपी सरकार से पूछा कि अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा? तिरुपति मंदिर में ‘प्रसादम’ के लड्डू में मिलावट का जिक्र करते हुए कहा कि इसको लेकर भी राजनीति जारी है. धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन है? यह चिंतन जरूरी है.
सरकार ने क्या आदेश जारी किया?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 सितंबर को निर्देश दिया था कि सभी दुकानों के मालिकों को अपने दुकान पर अपना नाम पता के साथ-साथ, दुकान में सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा. सीएम ने खाद्य पदार्थों में थूकना और पेशाब करने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर करती हैं. उन्होंने अधिकारियों का सख्त निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए की उत्तर प्रदेश में ऐसी घटना ना हो.