इजरायल (Israel) की सेना गाजा में लगातार फिलिस्तीनियों पर कहर ढा रही है. ताजा हमलों में इजरायल ने मिसाइलों से एक स्कूल को निशाना बनाया, 20 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और कई घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इजरायल इस संभावना की जांच कर रहा है कि शनिवार को गाजा शहर में विस्थापित फिलिस्तीनियों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर रॉकेट हमले में हमास के नेता याह्या सिनवार की मौत हो गई.
इजरायली सेना ने कहा कि हमला हमास के कमांड सेंटर को निशाना बनाकर किया गया था, लेकिन फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हमले में मारे गए 22 लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
‘खुफिया’ सूत्रों से मिली जानकारी
रविवार को एक रिपोर्ट में, Times of Israel ने कहा कि अधिकारी इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि सिनवार की मौत हो गई है. यह रिपोर्ट सैन्य खुफिया जानकारी के आधार पर इजरायली पत्रकार बेन कैस्पिट ने की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, “Walla न्यूज साइट ने कहा है कि शिन बेट ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और उनका मानना है कि सिनवार जिंदा है. खुफिया जानकारी के मुताबिक, सिनवार की मौत गाजा में आईडीएफ ऑपरेशन के दौरान हुई थी.”
Times of Israel ने आगे कहा कि कैपिस्ट ने तर्क दिया कि सिनवार के इतिहास को देखते हुए शायद वह मरा नहीं है. जब वह पिछले हमलों के बाद गायब हो गया था और उसकी मौत की अटकलें लगाई जाने लगी थीं. सिनवार की मौत के बारे में अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए, इजरायली पत्रकार बराक रविद ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने मुझे बताया है कि यरुशलम के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे यह पुष्टि हो सके कि हमास नेता को मारा जा चुका है.”
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याह्या सिनवार: ‘खान यूनुस के कसाई’ से लेकर 7 अक्टूबर के हमले तक
7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार को पिछले दिनों अगस्त में हमास चीफ बनाया गया. इससे पहले हमास के चीफ रहे इस्माइल हनिया की ईरान में एक विस्फोट के दौरान मौत हो गई थी.
साल 1962 में जन्मे सिनवार, हमास के शुरुआती सदस्य थे, जिसका गठन 1987 में हुआ था. सिनवार ने मिलिटेंट ग्रुप की सेक्योरिटी आर्म का नेतृत्व किया, जो संगठन से इजरायली जासूसों को निकालने के लिए काम करती थी.
1980 के दशक के आखिरी में सिनवार को इजरायल ने गिरफ्तार किया था. सिनवार ने 12 संदिग्ध सहयोगियों हत्या की थी और गिरफ्तारी के बाद यह बात कुबूल भी की. इस वजह से सिनवार को “खान यूनुस का कसाई” उपनाम दिया गया. आखिरकार, सिनवार को आजीवन कारावास की 4 सजाएं सुनाई गईं. इसमें 2 इजरायली कर्मियों की हत्या भी शामिल थी.
- सिनवार ने जेल में काम करने की स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन आयोजित किए, हिब्रू और इजरायली समाज के बारे में भी जानकारी हासिल की.
- साल 2008 में, इजरायली डॉक्टरों द्वारा इलाज किए जाने के बाद सिनवार का ब्रेन कैंसर ठीक हुआ.
- 2011 में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बॉर्डर पार छापे में हमास द्वारा पकड़े गए एक इजरायली सैनिक के बदले में सिनवार को जेल से रिहा कर दिया था.
माना जाता है कि सिनवार ने हमास के सशस्त्र विंग के नेता मोहम्मद डेफ के साथ मिलकर 7 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक हुए हमले की साजिश रची थी. इस हमले में 1200 इजरायली मारे गए, जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे. इसके बाद फिलिस्तीन पर हो रहे इजरायली हमलों में अब तक 40 हजार से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं.