यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़िये ने आतंक मचा रखा है. ये अबतक 9 लोगों को मार चुके हैं और दर्जनों को घायल कर चुके हैं. वन विभाग के मुताबिक, अब सिर्फ एक लंगड़ा भेड़िया बचा है क्योंकि बाकी के 5 पकड़ लिए गए हैं. लेकिन इस बीच महसी तहसील के ग्रामीणों ने ऐसा दावा कर दिया है कि जिसे सुनकर कोई भी सकते में आ सकता है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कुछ ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने भेड़ियों के एक नए झुंड को देखा है जिसमें लंगड़ा भेड़िया भी शामिल है. ऐसे में पांच आदमखोर भेड़ियों के पकड़े जाने के बाद थोड़ी राहत महसूस कर रहे लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं. हालांकि, प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने इस दावे को खारिज किया है. उन्होंने जांच के बाद ही पुष्टि करने की बात कही है.
डीएफओ ने आशंका भी जताई कि भेड़ियों का यह झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो ये भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर होकर एक नई समस्या खड़ी कर सकते हैं.
बता दें कि छह भेड़ियों के झुंड ने बहराइच के कई गांवों के निवासियों को आतंकित कर रखा था. इन भेड़ियों ने जुलाई के मध्य से सात बच्चों सहित 9 लोगों को मार डाला और 20 से अधिक को घायल कर दिया. इनमें से पांच को ‘ऑपरेशन भेड़िया’ अभियान के तहत पकड़ लिया गया, जबकि छठे भेड़िये को पकड़ने के प्रयास अभी तक जारी हैं.
ग्रामीणों का चौंकाने वाला दावा
ग्रामीणों की माने तो चार भेड़ियों को बुधवार शाम मगला गांव में भाजपा एमएलसी पद्मसेन चौधरी के फार्महाउस के पास देखा गया था. यह स्थान सिसैया चूरामनी गांव से सिर्फ पांच किमी दूर है, जहां भेड़ियों के सबसे ज्यादा हमले हुए हैं.
न्यूज एजेंसी से बातचीत में एमएलसी पद्मसेन चौधरी ने कहा- शाम करीब चार बजे गांव वालों ने मेरे फार्महाउस के आम के बगीचे में चार भेड़ियों का झुंड देखा, उनमें से एक लंगड़ा था. इस जगह के पास भेड़ियों का अड्डा है. बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जंगली जानवर अक्सर बाहर निकल आते हैं.
वन विभाग मानने को तैयार नहीं
हालांकि, डीएफओ ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि नए झुंड में आदमखोर भेड़िया है. उन्होंने कहा कि महसी तहसील के रामगांव क्षेत्र के कुछ गांवों में भेड़ियों के देखे जाने की सूचना मिली है. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. एहतियातन गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
बकौल डीएफओ- फिलहाल, एक अधिकारी को मौके पर भेजा गया. उसे भेड़ियों के पैरों के निशान मिले हैं. लेकिन उनकी गतिविधियों से ऐसा नहीं लगता कि आदमखोर भेड़िया भी उस झुंड का हिस्सा था. हम उस क्षेत्र पर कड़ी नज़र रख रहे हैं, जहां बुधवार को भेड़िये देखे जाने का दावा किया गया थ . जांच के बाद ही हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि ये किस प्रकार के भेड़िये थे.