पाकिस्तान में अधिकारियों ने बलूचिस्तान में पोलियो का एक और मामला दर्ज किया है, जिससे इस साल पड़ोसी मुल्क में गंभीर बीमारी के मामलों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. यह वायरस को खत्म करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है. अधिकारियों ने कहा कि इस बीमारी का हालिया मरीज बलूचिस्तान के पिशिन का एक 30 महीने का बच्चा है.
अधिकारियों ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में पोलियो उन्मूलन के लिए रीजनल रिफरेंस लैब ने बुधवार को बच्चे में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) की मौजूदगी की पुष्टि की, जिससे इस साल अब तक दर्ज मामलों की कुल संख्या 22 हो गई है, जिसमें अकेले बलूचिस्तान से 15 मामले शामिल हैं.
‘पोलियो से निपटने का एक ही उपाय- वैक्सीन’
एक लैब अधिकारी ने कहा, ‘सिंध में चार मामले दर्ज किए गए हैं जबकि खैबर-पख्तूनख्वा, पंजाब और इस्लामाबाद में एक-एक मामला दर्ज किया गया है.’ पाकिस्तान में पोलियो के मामलों की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, पोलियो उन्मूलन के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की फोकल पर्सन आयशा रज़ा फारूक ने अपने बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में माता-पिता की अहम भूमिका पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, ‘हर केस में एक बच्चे का जीवन पोलियो से अनावश्यक रूप से प्रभावित हुआ है. इसका एकमात्र उपाय समय पर और बार-बार टीकाकरण है. मैं सभी माता-पिता से जिम्मेदारी लेने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि उनके बच्चों को इस बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए पोलियो का टीका मिले.’
अफगानिस्तान में पोलियो अभियान बंद
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में तालिबान ने पोलियो टीकाकरण अभियान पर रोक लगा दी थी. संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि अफगानिस्तान में सितंबर से पोलियो वैक्सीनेशन कैंपेन शुरू होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही तालिबान ने इसे निलंबित करने का फैसला लिया है और उसकी ओर से इस बारे में आधिकारिक सूचना भी यूएन को पहुंचा दे दी गई है. हालांकि तालिबान ने ऐसा करने के पीछे कोई कारण नहीं बताया.