देश के कई राज्यों में इन दिनों खूब बारिश हो रही है. कुछ राज्यों में तो बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं मौसम विभाग ने देश की राजधानी दिल्ली में तेज बारिश के आसार जताए हैं. IMD के मुताबिक, दिल्ली में बारिश का सिस्टम एक्टिव हो चुका है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है. झारखंड में सक्रिय सिस्टम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा, जिससे दिल्ली और उससे सटे इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है.
दिल्ली में जमकर बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रशांत महासागर में बने चक्रवात यागी के अवशेषों से उत्पन्न मौसम प्रणाली के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और दिल्ली में 18 सितंबर को भारी बारिश होने की संभावना है. यह प्रणाली जो अब कम दबाव वाले क्षेत्र में विकसित हो गई है, वर्तमान में झारखंड में सक्रिय है और इसके उत्तर-पश्चिम की ओर तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. दिल्ली एनसीआर तक पहुंचने से पहले यह मध्य प्रदेश (एमपी) और उत्तर प्रदेश (यूपी) के कई क्षेत्रों को कवर करेगी.
यह दबाव मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रहा है इसलिए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग और प्रशासन ने इन क्षेत्रों के निवासियों को भारी बारिश के कारण संभावित व्यवधानों के लिए तैयार रहने, जैसे जलभराव, यातायात में व्यवधान और अन्य स्थानीय असुविधाएं होने की चेतावनी जारी की है.
दिल्ली में 18 और 19 सितंबर को मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 18 सितंबर को तेज और 19 सितंबर को हल्की बारिश हो सकती है. इस दौरान राजधानी में जलभराव की स्थिति भी देखने को मिल सकती है. इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
आईएमडी के अनुसार, 18 सितंबर को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में येलो अलर्ट रहेगा. हालांकि, येलो अलर्ट ऑरेंज अलर्ट की तुलना में कम गंभीर मौसम को दर्शाता है, लेकिन यह अभी भी पर्याप्त बारिश की संभावना को दर्शाता है और निवासियों को मौसम की स्थिति के बारे में अपडेट रहने की सलाह देता है. वहीं दिल्ली एनसीआर में सितंबर में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है, जो महीने के पहले 15 दिनों में ही मासिक औसत से अधिक हो गई है. हालांकि, नागरिकों को इस अवधि के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि भारी बारिश से सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, दृश्यता कम हो सकती है और निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना भी हो सकती है.