भारत सरकार ने कनाडा से अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण की मांग की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने मीडिया की ओर से पूछताछ के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 10 नवंबर से कनाडा में गिरफ्तारी की खबरें आ रही हैं, जिसमें अर्श डल्ला, खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख, गिरफ्तार हुआ है. कनाडा के प्रिंट और विजुअल मीडिया में इसकी व्यापक रिपोर्टिंग की गई है और ओंटारियो कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की है.
अर्श डल्ला को भारत में 50 से अधिक हत्याओं, हत्या के प्रयासों, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में अपराधी घोषित किया गया है. इनमें आतंक वित्तपोषण भी शामिल है. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. 2023 में भारत सरकार ने उसे एक व्यक्ति आतंकवादी घोषित किया. जुलाई 2023 में भारत ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था. इस मामले में अतिरिक्त जानकारी भी मुहैया की गई.
कनाडा से कानूनी सहायता और जानकारी का आदान-प्रदान
भारत सरकार ने कनाडा को आपसी कानूनी सहायता संधि (MLAT) के तहत अर्श डल्ला के संभावित निवास पते, भारत में वित्तीय लेन-देन, चल और अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबर आदि की जानकारी भेजी थी, जो जनवरी 2023 में कनाडाई अधिकारियों को दी गई थी. दिसंबर 2023 में कनाडा के न्याय विभाग ने इस मामले में अतिरिक्त जानकारी की मांग की थी, जिसका उत्तर मार्च 2024 में दिया गया था. हाल ही में हुई गिरफ्तारी के बाद, भारत के एजेंसियाँ इस मामले में प्रत्यर्पण अनुरोध की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही हैं. अर्श डल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में अवैध गतिविधियों में शामिल होने को देखते हुए, उम्मीद जताई जा रही है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा.
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