सांकेतिक तस्वीर


भारत ने मंगलवार को एक सैन्य परिवहन विमान से म्यांमार को 32 टन राहत सामग्री भेजी. यह राहत सामग्री तूफान से प्रभावित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की सहायता के लिए दो दिन पहले शुरू किए गए ऑपरेशन ‘सद्भाव’ के तहत भेजी गई. तूफान यागी के कारण म्यांमार, लाओस और वियतनाम के विभिन्न हिस्से भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं. इसे इस साल का एशिया का सबसे शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है. भारत पहले ही वियतनाम और लाओस को राहत सामग्री भेज चुका है.

भारत ने नौसेना के जहाज से 10 टन सहायता भेजी थी
भारत ने नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा के जरिए रविवार को म्यांमार को राशन, कपड़े और दवाइयों सहित 10 टन सहायता भेजी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘ऑपरेशन ‘सद्भाव’ जारी है, भारत ने म्यांमार को सहायता की दूसरी खेप भेजी है.’

उन्होंने कहा कि वायुसेना का विमान म्यांमार के लोगों के लिए स्वच्छता किट व दवाओं सहित 32 टन राहत सामग्री ले जा रहा है. जायसवाल ने कहा कि भारतीय नौसेना म्यांमार के लिए अतिरिक्त 10 टन राशन ले जा रही है.

ऑपरेशन ‘सद्भाव’ आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ) क्षेत्र में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) में योगदान के भारत के व्यापक प्रयास का हिस्सा है. इसके अलावा, भारत ने हाल में पड़े सूखे से निपटने में मदद के लिए नामीबिया को आज 1000 मीट्रिक टन चावल भेजा.

म्यांमार में बढ़ रहे गृह युद्ध से भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति पर असर 
म्यांमार में जारी भीषण गृह युद्ध और बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो गए हैं. इस नीति को भारत के पूर्वोत्तर और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच आर्थिक और सामरिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन अब यह म्यांमार और बांग्लादेश में बदलते राजनीतिक परिदृश्यों के कारण बाधाओं का सामना कर रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *