गौरवशाली अतीत में वापस जाना चाहते हैं और उन सभी प्राचीन मंदिरों का पता लगाना चाहते हैं? भोरमदेव मंदिर जाएँ, इस मंदिर का निर्माण 7 वीं -11 वीं शताब्दी के दौरान कहीं किया गया था और इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है।

मुख्य आकर्षण – भोरमदेव मंदिर पूरे शहर का एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, इस मंदिर की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि इसे खूबसूरती से सजाया गया है और यह शानदार दिखता है। मंदिर में कई धार्मिक मूर्तियां और कामुक मूर्तियां भी हैं। यदि आप प्राचीन भारत के प्रेमी हैं, तो आपको इस मंदिर की यात्रा करनी होगी और देखना होगा कि शिव लिंग की खूबसूरती से कैसे मूर्त रूप दिया जाता है।

स्थान – मैकल पर्वत और घने हरे-भरे हरे-भरे जंगलों के आकर्षक वातावरण के बीच, यह मंदिर परिसर पहाड़ियों की मैकाल श्रेणी में बनाया गया है, और कवर्धा से 18 किमी दूर है

समय – कोई विशेष दौरा समय नहीं है क्योंकि मंदिर सुबह से शाम तक खुला रहता है

मूल्य – मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं

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