48 लाख आवेदकों में से 32 लाख ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा दी


UP Police Constable Exam 2024: उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,000 से अधिक रिक्त पदों को भरने के लिए पांच दिनों तक चली भर्ती परीक्षा समाप्त हो गई है. इस परीक्षा में लगभग 32 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया. राज्य सरकार ने इसे अपने इतिहास की “सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा” बताया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा के “सुचारू और निष्पक्ष” संचालन सुनिश्चित करने के लिए अभ्यर्थियों, यूपीपीआरपीबी, जिला प्रशासन और राज्य पुलिस को बधाई दी. 

परीक्षा खत्म होने के बाद CM योगी ने दी बधाई
पांच दिन चली सिपाही भर्ती परीक्षा खत्म होने के बाद सीएम योगी ने  निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग आयोजित हुई परीक्षा के लिए सभी अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स'(पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,200 से अधिक पदों पर चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा-2023 के निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने की सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई!परीक्षा में सहभागिता करने वाले सभी ऊर्जावान और अनुशासित युवाओं को मनोनुकूल परिणाम प्राप्त हों, सभी का भविष्य उज्ज्वल हो, इस हेतु अनंत मंगलकामनाएं!’

उन्होंने आगे लिखा, ‘विश्व की सबसे बड़ी सिविल पुलिस भर्ती परीक्षा को सफलतापूर्वक, सकुशल संपन्न कराने में सहयोगी सभी जनों, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और समस्त जनपदों के जिला प्रशासन को हृदय से धन्यवाद!’

बेटियों के लिए बड़ी सौगात
सीएम योगी ने घोषणा की है कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल के चयन प्रक्रिया में 15,000 से अधिक महिलाओं को भर्ती किया जाएगा. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ’60 हजार से अधिक पुलिस आरक्षी चयन प्रक्रिया में 15 हजार से अधिक बेटियों की भर्ती होगी. शुचिता के साथ सुचारु ढंग से परीक्षा सम्पन्न हुई है, इससे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व सुशासन का मॉडल और अधिक समृद्ध होगा.’ उन्होंने पहले भी 20 फीसदी महिलाओं की भर्ती करने की बात कही थी.

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16 लाख से अधिक ने छोड़ा एग्जाम
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) द्वारा आयोजित यह परीक्षा राज्य के 67 जिलों में 1,174 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. फरवरी 17 और 18 को आयोजित हुई परीक्षाओं को पेपर लीक के आरोपों के बाद रद्द कर दिया गया था. सीएम योगी ने परीक्षा रद्द करते हुए छह महीने के अंदर-अंदर फिर से री-एग्जाम कराने की घोषणा की थी. री-एग्जाम पांच दिनों – 23, 24, 25 अगस्त, 30 और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में हुआ. आधिकारिक बयान के अनुसार, करीब 48 लाख अभ्यर्थियों में से 32 लाख से अधिक परीक्षा में बैठे थे. माना जा रहा है कि सख्त सुरक्षा इंतजामों के चलते 16 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी.

परीक्षा में सुरक्षा को लेकर ये थे कड़े इंतजाम
शनिवार शाम को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पहले पेपर लीक के आरोपों से घिरी यूपीपीआरपीबी और उसके आसपास के क्षेत्रों के परीक्षा केंद्रों में इस बार हाई लेवल सुरक्षा थी और सभी अभ्यर्थियों के लिए आधार वेरिफाई किए गए. इसके अलावा, राज्य के 1,174 केंद्रों में 16,440 परीक्षा कक्ष सीसीटीवी से लैस थे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा निगरानी की जा रही थी, जबकि 2,300 मजिस्ट्रेट और करीब दो लाख (1,97,859) पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. परीक्षा को विशेष रूप से सरकारी स्कूलों में आयोजित करना शामिल था, ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने विभिन्न प्लेटफार्मों पर, जिसमें व्हाट्सएप और सोशल मीडिया शामिल हैं, सतर्क निगरानी बनाए रखी, जबकि खुफिया एजेंसियां ​​किसी भी संभावित मुद्दे का पूर्वानुमान लगाने के लिए 24 घंटे अलर्ट पर थीं. कड़ी निगरानी के अलावा, बोर्ड ने परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों के लिए आधार सत्यापन किया. जबकि 85 प्रतिशत अभ्यर्थियों के आधार डिटेल्स वेरिफाई किया गया, बाकी 15 प्रतिशत को परीक्षा केंद्रों पर ईकेवाईसी सत्यापन से गुजरना पड़ा.

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25 PAC, 8 CAPF के 2 लाख पुलिसकर्मी थे तैनात
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पुलिस भर्ती परीक्षा की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए सिक्योरिटी सिस्टम में 1,97,859 पुलिसकर्मियों की तैनाती शामिल थी, जिसमें प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) की 25 कंपनियां और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 8 कंपनियां शामिल थीं. इसके अलावा, 137 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 522 पुलिस उपाधीक्षक, 47,587 हेड कॉन्स्टेबल, 86,844 कॉन्स्टेबल और 26,587 महिला कॉन्स्टेबल भी तैनात किए गए थे.

परीक्षा की निगरानी का जिम्मा 3,876 इंस्पेक्टर, जिनमें 3,740 पुरुष और 136 महिला इंस्पेक्टर शामिल हैं, और 32,311 सब-इंस्पेक्टर, जिनमें 30,220 पुरुष और 2,091 महिला सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं को सौंपा गया था. परीक्षा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 74 प्रेक्षक पुलिस अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों पर तैनात किया गया था. परीक्षा केंद्रों पर, अभ्यर्थी सत्यापन के लिए कड़े प्रक्रियाएं लागू की गईं, जिसमें फिजिकल सर्च, हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर (HHMD) के साथ सुरक्षा जांच और फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन शामिल था.

3 सिपाही समेत 62 अभ्यर्थी और 400 से अधिक संदिग्ध पकड़े गए
इस कड़ी सुरक्षा ने परीक्षा को न सिर्फ किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाया, बल्कि परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश और अभ्यर्थियों से ठगी कर रहे लोगों की भी गिरफ्तारी की, जिससे परीक्षा की अखंडता मजबूत हुई. चार दिन की परीक्षा में 3 सिपाही समेत 62 अभ्यर्थी व सॉल्वर गिरफ्तार हुए, 59 FIR दर्ज हुईं और 400 से अधिक संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गए.



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