सोनम वांगचुक को पुलिस हिरासत से रिहा किया गया (फोटो- पीटीआई)


क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और लद्दाख के कई अन्य लोगों ने महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है और उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया है. सोनम वांगचुक ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन दिया और उन्हें जल्द ही शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक का आश्वासन दिया गया है. वांगचुक ने कहा कि उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया है.

वांगचुक ने कहा कि हमने सरकार को संवैधानिक प्रावधानों के तहत लद्दाख की रक्षा करने के लिए एक ज्ञापन दिया है, ताकि लद्दाख की इकोलॉजी को संरक्षित किया जा सके. बत दें कि वांगचुक की मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में रिजर्वेशन, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को हिमालय में सशक्त बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे इसे सबसे अच्छे तरीके से संरक्षित कर सकते हैं.

सोनम वांगचुक ने कहा कि आने वाले दिनों में हम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या गृह मंत्री से मिलेंगे.  यह गृह मंत्रालय द्वारा हमें दिया गया आश्वासन है. वांगचुक ने कहा कि हमने लद्दाख के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग की है और छठी अनुसूची भी इसका हिस्सा है. हमें आश्वासन दिया गया है कि हम शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और कुछ दिनों में बैठक की तारीख बता दी जाएगी. 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वांगचुक और अन्य सभी ‘पदयात्रियों’ को रिहा कर दिया गया. अधिकारी ने कहा कि उन्हें एकत्र न होने या कोई यात्रा न करने के आश्वासन के बाद जाने की अनुमति दी गई, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में बीएनएस की धारा 163 लागू है. 

वांगचुक को बवाना पुलिस स्टेशन में रखा गया था, जबकि अन्य ‘पदयात्रियों’ को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर तीन अन्य पुलिस स्टेशनों में रखा गया. सभी को पुलिस कर्मियों द्वारा बसों में लगभग 9.30 बजे राजघाट तक ले जाया गया और बाद में वांगचुक और अन्य सभी ‘पदयात्रियों’ को जाने दिया गया. 

पुलिस सूत्रों ने कहा कि वांगचुक सरकार से मिलने के लिए कुछ और दिनों तक दिल्ली में रह सकते हैं. वांगचुक ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत 15 दिनों के भीतर फिर से शुरू हो जाएगी.

बता दें कि वांगचुक एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे थे. अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च कर रहे लद्दाख के करीब 170 लोगों को सोमवार रात दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया था और उन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया, जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. 

(इनपुट- हिमांशु मिश्रा)

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