Trade Data: भारत के विदेशी व्यापार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है और देश का निर्यात 28 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है. अक्टूबर में भारत के वस्तु निर्यात में 17.25 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है और ये बढ़कर 39.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह दो साल में निर्यात के आंकड़े में सबसे बड़ा उछाल है जिसमें 28 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले जून 2022 में 30.12 फीसदी की सालाना ग्रोथ दर्ज की गई है.
अक्टूबर में व्यापार घाटा 27.14 अरब डॉलर रहा- सितंबर से ज्यादा बढ़ा
अक्टूबर में देश का आयात भी 3.9 फीसदी बढ़कर 66.34 अरब डॉलर पर पहुंच गया. अक्टूबर 2023 यानी एक साल पहले इसी महीने में 63.86 अरब डॉलर पर आयात था. बृहस्पतिवार को आधिकारिक आंकड़े जारी हो गए हैं जिसमें व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर अक्टूबर में 27.14 अरब डॉलर रहा है. यह इस साल सितंबर महीने के 20.78 अरब डॉलर से ज्यादा है जबकि पिछले साल इसी महीने में ट्रेड डेफिसिट 30.42 अरब डॉलर पर था.
आयात बढ़ने की मुख्य वजह कच्चा तेल
मुख्य रूप से कच्चे तेल के इंपोर्ट में 13.34 फीसदी की बढ़ोतरी से कुल आयात बढ़ा है. अक्टूबर में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 18.2 अरब डॉलर रहा जो कि पिछले साल के इसी महीने में यह 16.1 अरब डॉलर पर था.
सोने-चांदी का इंपोर्ट हुआ कम
अक्टूबर के दौरान सोने और चांदी का आयात थोड़ा कम होकर क्रमशः 7.13 अरब डॉलर और 0.33 अरब डॉलर रहा है. अक्टूबर 2023 में यह क्रमशः 7.23 अरब डॉलर और 1.31 अरब डॉलर पर था. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक निर्यात के लिए अक्टूबर का महीना काफी अच्छा रहा है और अगर यह स्पीड बनी रही, हम इस साल 800 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट (गुड्स एंड सर्विसेज) के आंकड़े को पार कर जाएंगे. वाणिज्य मंत्रालय ने बाजार पहुंच पहल ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने, गैर-चार्ज बाधाओं को दूर करने और व्यापार संवर्धन कार्यक्रम आयोजित करने के माध्यम से इन देशों में आर्थिक पैठ बढ़ाने को कदम उठाया है.
FIEO के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने क्या कहा
FIEO के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि ग्लोबल वित्तीय अनिश्चितताओं के बीच व्यापारिक निर्यात में डबल डिजिट की बढ़ोतरी निश्चित रूप से बहुत उत्साहजनक संकेत है और ट्रेड के मोर्चे पर एक्सपोर्ट के रिवाइवल और ग्रोथ का इंडीकेटर है. FIEO प्रमुख ने कहा कि कच्चे तेल और मेटल की कीमतों में अस्थिरता के साथ-साथ चल रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार गतिरोधों ने भी कुछ हद तक एक्सपोर्ट की वैल्यू को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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