Iran Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei says Arrest Warrant not Enough need death Sentence To Israel PM Benjamin Netanyahu


Arrest Warrant Issued For Benjamin Netanyahu: कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे इजरायल के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है. इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. मामले पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए गिरफ्तारी वारंट पर्याप्त नहीं है. उन्हें सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए.

खामेनेई ने सोमवार (25 नवंबर) को इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) कर्मियों को दिए भाषण में कहा कि नेतन्याहू के लिए गिरफ्तारी वारंट की बजाय मौत की सजा जारी की जानी चाहिए. खामेनेई की यह टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की ओर से गाजा पट्टी में इजरायली कार्रवाई को लेकर नेतन्याहू और पूर्व इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के कुछ दिनों बाद आई है. उन पर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है.

‘सिर्फ गिरफ्तारी वारंट से काम नहीं चलेगा’

आईआरजीसी से जुड़ी तस्नीम न्यूज एजेंसी के अनुसार, खामेनेई ने फारसी में कहा, “जायोनीवादियों ने जो किया वह युद्ध अपराध है. उन्होंने उनके (नेतन्याहू) लिए गिरफ़्तारी वारंट जारी किया. यह पर्याप्त नहीं है. नेतन्याहू के लिए मौत की सजा जारी की जानी चाहिए. इन अपराधी नेताओं के लिए मौत की सजा जारी की जानी चाहिए.”

ईरान संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ इजरायल को भी अपना दुश्मन मानता है. यह इजरायल के विनाश के लिए प्रतिबद्ध है और पूरे क्षेत्र में इजरायल विरोधी सशस्त्र समूहों के एक विशाल नेटवर्क का समर्थन करता है, जिसे वह ‘प्रतिरोध की धुरी’ कहता है. इन समूहों में गाजा स्थित हमास, लेबनान स्थित हिजबुल्लाह और यमन स्थित हौथी शामिल हैं, जो इस समय इजरायल के साथ युद्ध में हैं.

‘इजरायल नहीं जीत रहा युद्ध’

आईआरजीसी की ‘बसीज’ शाखा को दिए भाषण में खामेनेई ने कहा कि आईआरजीसी “आखिरकार एक दिन में जायोनी शासन को नष्ट कर देगा.” खामेनेई ने आगे कहा कि इजरायल युद्ध नहीं जीत रहा है, बल्कि अपनी कार्रवाइयों से ईरान प्रायोजित प्रतिरोध धुरी को मजबूत कर रहा है.

खामेनेई ने फारसी में कहा, “गाजा और लेबनान में लोगों के घरों पर बमबारी करना जीत नहीं है. मूर्खों को यह नहीं सोचना चाहिए कि क्योंकि उन्होंने लोगों के घरों, अस्पतालों और लोगों की सभाओं पर बमबारी की है, इसलिए वे जीत गए हैं- नहीं. कोई भी इसे जीत नहीं मानता. गाजा और लेबनान में दुश्मन नहीं जीता है. दुश्मन गाजा और लेबनान में नहीं जीतेगा. लेबनान, गाजा और फिलिस्तीन दोनों में ज़ायोनी शासन के अपराध, उनके इच्छित के विपरीत हैं, यानी वे प्रतिरोध को मजबूत और तीव्र करते हैं. यह एक सामान्य नियम है. इसे वापस नहीं लिया जा सकता है.”

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