उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) में वन विभाग की घेराबंदी के बीच से एक बार फिर भेड़िये (Wolf) भाग निकले हैं. गांवों में गोले दागे गए, जिनकी आवाज सुनकर भेड़ियों ने लोकेशन बदली है. हरदी थाना के नाकाही में और मैकुपुरवा में भेड़िये ने एक बच्चे और एक बुज़ुर्ग को अपना निशाना बनाया है. बता दें कि यहां अब तक चार भेड़िये पकड़े जा चुके हैं, जबकि दो भेड़िये अभी पकड़े जाने हैं.
जानकार के अनुसार, बहराइच में अपने मायके आई गुड़िया नाम की महिला के 7 साल के बच्चे पर बीती रात 1:30 बजे भेड़िये ने हमला कर दिया. जब बच्चे की मां ने शोर मचाया तो भेड़िया भाग गया. वहीं सुबह चार बजे मैकुपुरवा में घर में सो रहे कुन्नु लाल पर भेड़िया ने हमला कर दिया.
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इस मामले को लेकर सीएचसी महासीह के अधीक्षक डॉक्टर आशीष वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी दोनों मरीजों की कंडीशन ठीक है. जहां त wolf attack की बात है तो उसकी पुष्टि वन विभाग करेगा. वन विभाग की टीम भेड़ियों की तलाश में जुटी हुई है.
बता दें कि बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने 35 गांवों में खौफ का माहौल बना दिया है. यहां रात-रातभर लोग जागकर अपने परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं. वन विभाग की ओर से लोगों को सुरक्षित रहने के बारे में भी बताया जा रहा है. इलाके में छह भेड़ियों का एक झुंड घूम रहा था, जिनमें अब तक चार पकड़े जा चुके हैं, वहीं दो भेड़िये अभी पकड़े जाने बाकी हैं.
डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था भेड़ियों का आतंक
सबसे पहले औराही गांव से भेड़ियों के आतंक की शुरुआत हुई थी. यहां भेड़ियों ने पहला अटैक 7-7 साल के दो बच्चों पर किया था. फिरोज नाम के बच्चे पर करीब डेढ़ महीने पहले भेड़ियों के झुंड ने हमला किया था. बच्चा अपनी मां के साथ सोया था, तभी रात करीब 12 बजे भेड़िया घर के बरामदे में घुसा और बच्चे की गर्दन दबोचकर भाग गया.
इस दौरान उसकी मां बच्चे को बचाने की कोशिश करती रही. भेड़िया बच्चे को करीब 200 मीटर दूर तक खेत में घसीटकर ले गया. जब मां ने शोर मचाया तो गांव के लोग जुटे.फिर भेड़िया बच्चे को गांव के पास खेत में छोड़कर भाग गया. लहूलुहान बच्चे को परिवार और गांव के लोग अस्पताल ले गए, जहां 13 दिन तक इलाज के बाद बच्चे की जान बची. उसके चेहरे, गर्दन, सिर, कान, पीठ और छाती पर निशान हैं.