गाजा शहर के अल जिटौन में स्थित सफद स्कूल अब खंडहर में तब्दील हो गया है. इजरायली के हवाई हमलों में ये पूरी तरह से तबाह हो गया है. इस हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. ये हमला कितना जबरदस्त था इसका अंदाज़ स्कूल के मलबों और चारों तरफ उठे धूल मिट्टी के गुबार ले लगाया जा सकता है. हमले के बाद लोग राहत बचाव में लगे हैं. लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है.
गाजा के नागरिक सुरक्षा के एक प्रवक्ता ने कहा, इजरायल का नरसंहार जारी है. पहले सफद स्कूल को निशाना बनाया गया. यह स्कूल हज़ारों विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान कर रहा था, जिसे नष्ट कर दिया गया. हम एक वास्तविक नरसंहार और अत्यंत भयावह दृश्य देख रहे हैं. नागरिक सुरक्षा और चिकित्सा दल शवों को बरामद करने और यथासंभव अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन स्थिति बेहद दुखद और डरावनी है.”
गाजा शहर के इस स्कूल सैकड़ों विस्थापित फिलिस्तीनियों ने शरण लिया हुआ है. इजरायल का ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र के पोलियो टीकाकरण अभियान के लिए हमास और इज़रायल थोड़े समय के लिए सहमत हुए हैं. अल ज़िटौन इलाके में भी टीकाकरण अभियान चल रहा है. आईडीएफ ने रफाह में भी कई घरों को उड़ा दिया. करीब 11 महीने से हमास और इज़रायल के बीच जंग जारी है. 40 हज़ार 700 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.
उधर, गाजा में 6 इजरायली बंधकों के शव मिलने के बाद इजरायल में लोगों का प्रदर्शन उग्र हो गया है. तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई. सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आगजनी की और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगाए. इस दौरान देशभर में करीब दो दर्जन से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. प्रदर्शनकारी नेतन्याहू से बचे हुए बंधकों की रिहाई के लिए हमास से समझौता करने की मांग कर रहे हैं.
इजरायली मीडिया के मुताबिक सिर्फ तेल अवीव ही नहीं यरुशलम और कई शहरों में करीब 5 लाख लोगों ने प्रधानमत्री नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन पर लगातार बंधकों की रिहाई के लिए गंभीरता नहीं दिखाने का आरोप लगाते रहे हैं. लिहाज़ा इजरायल की ट्रेड यूनियन ने भी सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान करते हुए मांग की है कि सरकार 101 बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ जल्द से जल्द समझौता करे, वरना हड़ताल लंबे समय तक जारी रहेगी.
इजरायल में देशव्यापी हड़ताल का असर अस्पतालों पर भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से अस्पतालों में गंभीर सर्जरी को भी रोकना पड़ा. वहीं प्रदर्शन की वजह से तेल अवीव के पास मौजूद बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द हो गईं. इसकी वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. बताते चलें कि गाजा के रफाह में 6 बंधकों के शव बरामद हुए थे जिसके बाद नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया है.