20 सितंबर को गिरफ्तार हुए थे अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर


आज 20 सितंबर है.  कैलंडर के अनुसार यह वर्ष का 264वां (लीप वर्ष) दिन है. आज की तारीख भारतीय इतिहास में ऐसे दिन के रूप में याद किया जाता है, जब देश और दुनिया से मुगल बादशाहत का नामोनिशान मिट गया. इसके साथ ही देश अंग्रेजों के अधीन आ गया था. जी हां, 20 सितंबर 1857 को ही आखिरी मुगल बादशाह ने अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. इस दिन से दिल्ली पर या यूं कहें, पूरे देश पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया.  

भारत के इतिहास में 20 सितंबर की तारीख बहुत अहम है. 1857 में इसी दिन अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय ने आत्मसमर्पण कर दिया था. इस घटना के बाद दिल्ली पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया था. उन्हें ब्रिटिश मेजर होसॉन ने पकड़ लिया था. दरअसल, मई 1857 में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आज़ादी की पहली लड़ाई शुरू हुई थी.

आज के ही दिन दिल्ली पर अंग्रेजों ने जमाया था कब्जा
इसके बाद अंग्रेजों ने मौजूदा पुरानी दिल्ली की तीन महीने तक घेराबंदी की थी. 14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई. इसके बाद उनका पूरे शहर पर कब्जा हो गया. 17 सितंबर को बहादुर शाह जफर को लाल किला छोड़ना पड़ा था. 20 सितंबर को उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद उन्हें कैदी बनाकर उसी किले में लाया गया था, जहां उनका हुक्म चलता था. 

20 सितंबर 1857 में मिट गया था मुगल साम्राज्य का नामोनिशान 
20 सितम्बर के दिन वर्ष 1857 में भारत में मुगल शासन पूरी तरह खत्म हो गया था. आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय ने और उनके 3 बेटों ने हुमायूं के मकबरे में पनाह ली थी. वहां से उन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया और जिस लाल किले में उनका हुक्म चलता था उसी में कैदी बनाकर ले आए. 

बहादुर शाह जफर थे अंतिम  मुगल बादशाह  
बहादुर शाह जफर (1775-1862) भारत में मुगल साम्राज्य के आखिरी बादशाह हुए. वह  उर्दू के जाने-माने शायर थे. उन्होंने 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया. युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया. वहीं उनकी मृत्यु हुई. 

बाहशाह के सामने उनके बेटों और पोतों की हुई थी हत्या
कहा जाता है कि जब मेजर हडसन मुगल सम्राट को गिरफ्तार करने के लिए हुमायूं के मकबरे में पहुंचे, तो बहादुर शाह जफर अपने दो बेटों के साथ वहां छुपे हुए थे. उनके बेटों और पोतों को ब्रिटिश अधिकारियों ने सरेआम गोलियों से भून डाला. इसके बाद उन्हें बंदी बनाकर रंगून ले जाए. वह उन्होंने सात नवंबर, 1862 में एक बंदी के रूप में दम तोड़ा. उन्हें रंगून में श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफनाया गया.

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अन्य प्रमुख घटनाएं
 
1870 में इतालवी सैनिकों ने रोम पर कब्ज़ा कर लिया था. इस घटना के बाद रोम इटली का हिस्सा बन गया और पोप का शासन सिर्फ वेटिकन और उसके आस-पास के एक छोटे से इलाके तक सीमित हो गये. 
 
1878 में प्रसिद्ध अंग्रेज़ी दैनिक अखबार ‘द हिन्दू’ का प्रकाशन साप्ताहिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ था. बाद में साल 1889 में इसका दैनिक रूप से प्रकाशन शुरू हो गया. 

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2021 में नेशनल डे कैलेंडर और डिज़ाइनेटिक्स केयर्स फाउंडेशन ने राष्ट्रीय बाल देखभाल दिवस की शुरुआत की. 

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