कैंसर मूनशॉट इवेंट में PM मोदी (फोटो: सोशल मीडिया/X)


अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद सदस्य देशों के नेता कैंसर मूनशॉट इवेंट में शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कैंसर की रोकथाम के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के पैकेज और 4 करोड़ वैक्सीन डोज की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत का विजन है- वन अर्थ, वन हेल्थ.  

‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना चला रहा’

कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन का हार्दिक अभिनंदन करता हूं. यह सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण हेल्थ केयर के लिए हमारे साझे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. कोविड महामारी के दौरान हमने इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव लिया था और मुझे खुशी है कि क्वाड में, हमने सर्वाइकल कैंसर जैसी चुनौती का मिलकर सामना करने का निर्णय लिया है.’

उन्होंने कहा, ‘कैंसर केयर में, इलाज के लिए सहयोग आवश्यक है. भारत में बड़े पैमाने पर एक बहुत ही सस्ता सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम चल रहा है. इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना चला रहा है और सभी को सस्ती कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष केंद्र भी स्थापित किए गए हैं.’

‘हम अपना अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार’

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ने सर्वाइकल कैंसर के लिए अपना टीका भी विकसित कर लिया है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल भी शुरू किए जा रहे हैं. भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है.’

उन्होंने कहा, ‘आज कैंसर केयर में काम करने वाले भारत के कई विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हैं. भारत का विजन है- वन अर्थ, वन हेल्थ. इसी भावना से मैं क्वाड मूनशॉट इनिशिएटिव के तहत 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट, डिटेक्शन किट और टीकों के समर्थन की घोषणा करता हूं.’

4 करोड़ वैक्सीन डोज देगा भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘रेडियोथेरेपी इलाज और कैपेसिटी बिल्डिंग में भी भारत सहयोग करेगा. मुझे खुशी है कि हिंद-प्रशांत देशों के लिए GAVI और QUAD की पहलों के अंतर्गत भारत से 40 मिलियन वैक्सीन डोज का योगदान दिया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘ये 4 करोड़ वैक्सीन डोज करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरणें बनेंगी. जैसा कि आप देख सकते हैं कि जब क्वाड कार्रवाई करता है, तो यह सिर्फ देशों के लिए नहीं होता है, यह लोगों के लिए होता है. यह हमारे मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का सच्चा सार है.’

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