क्वाड शिखर सम्मेलन (फोटो: सोशल मीडिया/X)


अमेरिका में शनिवार (स्थानीय समयानुसार) को क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी मेजबानी की. इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या क्वाड नवंबर में अमेरिकी चुनाव के बाद भी रहेगा. बाइडेन ने पीएम मोदी के कंधे पर हाथ रखते हुए जवाब दिया, ‘नवंबर के काफी बाद तक.’

पीएम मोदी के कंधे पर हाथ रखकर दिया जवाब

क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान चारों सदस्य देशों के नेता पीएम मोदी, जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज और जापानी पीएम फुमियो किशिदा ग्रुप फोटो खिंचवा रहे थे. तभी एक जर्नलिस्ट ने बाइडेन से पूछा, ‘क्या क्वाड नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद भी रहेगा?’

बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, ‘नवंबर के बहुत बाद तक’ (Way beyond November). उनका जवाब सुनकर सभी नेता हंस पड़े. दरअसल अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति का चुनाव होगा. बाइडेन के दौड़ से बाहर होने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं. उनका मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगा.

2025 में भारत करेगा क्वाड समिट की मेजबानी

क्वाड शिखर सम्मेलन 2025 की मेजबानी भारत करेगा. पीएम मोदी ने समिट में कहा कि हमें 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स समिट आयोजित करने में खुशी होगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने तीसरे कार्यकाल में इस क्वाड समिट में भाग लेकर बेहद खुशी हो रही है. हमारी बैठक उस समय हो रही है जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है. ऐसे में, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना मानवता के लिए बहुत जरूरी है.’

पीएम मोदी कहा, ‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं. हम सभी नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं. मैं एक बार फिर राष्ट्रपति बाइडेन और अपने सभी साथियों का स्वागत करता हूं.’

बाइडेन बोले- हम जानते हैं कि काम कैसे करना है

सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘हम लोकतांत्रिक देश हैं जो जानते हैं कि काम कैसे करना है. यही कारण है कि मेरे राष्ट्रपति बनने के शुरुआती दिनों में ही, मैं आप सभी से मिला, आप सभी के देश गया, यह प्रस्तावित करने के लिए कि हम क्वाड को और अधिक परिणामी बना रहे हैं. 4 साल बाद, हम चार देश पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं.’



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