इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जैवलिन थ्रोअर नवदीप सिंह.


Indian Paralympic Stars in India Today Conclave: हाल ही में खत्म हुए पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने कुल 29 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. इसमें 7 गोल्‍ड, 9 सिल्‍वर और 13 ब्रॉन्‍ज मेडल शामिल हैं. कुल 29 मेडल के साथ भारत मेडल टैली में 170 देशों में 18वें नंबर पर रहा. पैरालिंपिक के इतिहास में भारत का अब तक का यह बेस्ट प्रदर्शन है.

पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल, अवनि लेखरा और नवदीप सिंह बुधवार (25 सितंबर) को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपनी दिल की बातें कहीं. गोल्ड जीतने के बाद नवदीप का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. इस पर लोगों ने कमेंट करते हुए नवदीप को कोहली 2.2 तक कह दिया था. एक यूजर ने कहा था कि ये बेस्ट कॉमेडियन कपिल शर्मा को खा जाएगा.

अवनि-सुमित और नवदीप ने इस तरह जीते गोल्ड

बता दें कि पेरिस पैरालंपिक में अवनि लेखरा ने भारत के लिए पहला गोल्‍ड जीता था. वो वुमेंस 10 मीटर एयर राइफल में अपना खिताब बचाने में कामयाब रही थीं. ये उनका ओवरऑल तीसरा पैरालिंपिक मेडल था. इसी के साथ वो तीन मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी थी.

भारत को 29वां और आखिरी मेडल नवदीप सिंह ने मेंस जैवलिन एफ 41 में दिलाया. उन्होंने गोल्‍ड जीता था. हालांकि नवदीप इस इवेंट में दूसरे स्‍थान पर रहे थे, मगर टॉप पर रहने वाले ईरान के सादेघ बेत सयाह के डिस्‍क्‍वालिफाई होने के बाद नवदीप के सिल्‍वर को गोल्‍ड में अपग्रेड कर दिया गया.

सुमित अंतिल ने मेंस जैवलिन थ्रो  एफ 64 में गोल्‍ड जीता. वो लगातार दो गोल्‍ड जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने. आइए जानते हैं इन तीनों ही गोल्ड विजेताओं ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में क्या कुछ कहा…

‘चंदू चैम्पियन फिल्म देखते हुए पेरिस गया था’

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सबसे पहले फिल्म ‘चंदू चैम्पियन’ के एक्टर कार्तिक आर्यन ने अपनी बात रखी. इसके बाद यह फिल्म देखने को लेकर सवाल हुआ तो नवदीप ने कहा- मैं चंदू चैम्पियन फिल्म डाउनलोड करके देखते हुए पेरिस पैरालंपिक के लिए गया था. 

नवदीप का गोल्डन थ्रो के बाद का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था, जिसमें वो जश्न मनाते दिखे थे. इसको लेकर किए सवाल पर नवदीप ने कहा- वो विदेश में भारत का झंडा लहराने की खुशी थी. बस म्यूट करके सुनो तो अच्छा है. वीडियो वायरल होने पर बेस्ट कमेंट को लेकर कहा नवदीप बोले, ‘एक यूजर ने लिखा था कोहली 2.2… दूसरे ने लिखा- मिनी कोहली. अन्य यूजर ने लिखा- ये कपिल शर्मा को खा जाएगा.’

नवदीप को लोगों की कौन सी बात ज्यादा चुभी?

गोल्ड के बाद आपकी इंडोर्समेंट 6 डिजिट में चली गई? इसको लेकर नवदीप ने कहा- मुझे तो पता नहीं चल रही है भैया. लोग आप पर किस तरह के कमेंट करते थे? कोई बात जो आपको काफी चुभी हो?

इसके जवाब में नवदीप ने कहा- ऐसा तो बहुत बार हुआ है. कई बार पासिंग कमेंट मिलते थे. एक एक करके गिनाउंगा तो एक दिन लग जाएगा. मैं इसे याद रखता तो यहां तक नहीं पहुंचता. मैं अलग पहचान के लिए कुछ अलग करना चाहता था. मेरे अलग-अलग नाम रखते थे. सुमित अंतिल मुझे लंबू बोलते हैं. यह तो दोस्ती यारी है, लेकिन इसके अलावा भी कई नाम हैं, जो मुझे पसंद नहीं हैं.

एक्सीडेंट के बाद कैसे बदला अवनि का जीवन?

अवनि ने पैरालंपिक में बदलाव को लेकर कहा- मैंने शुरू किया था तब कुछ पता नहीं था. कौन सी कैटेगरी में खेलना है. अब बहुत कुछ पता चला है. मीडिया में पैरालंपिक को लेकर काफी कुछ चला है. अब लोग पैरालंपिक को लेकर जान रहे हैं. 

10 साल की उम्र में कार एक्सीडेंट हुआ था, तब से अब तक का सफर कैसा रहा? इस पर अवनि ने कहा, ‘एक्सीडेंट से पहले मैं नॉर्मल थी, लेकिन हादसे के बाद हर चीज शुरू से करनी पड़ी. पैर नहीं हिला पाती थी. उठ नहीं पाती थी. ट्रक, कार देखकर डर लगता था. व्हीलचेयर पर बैठना सीखा. धीरे-धीरे हर चीज की आदत हो गई.’

‘जब मैं बाहर विदेश में गई तो मैंने बहुत से एथलीट देखे, जो खुद से ड्राइव करते और बाकी काम भी करते थे. उनसे ही मुझे प्रेरणा मिली और यह मेरे लिए काफी थ्रिलिंग था. बीच में मैं कई बार डर भी गई थी. मगर अब मैंने सबकुछ सीख लिया है.’

इसी सवाल के जवाब में सुमित ने कहा- मेरा 2015 में एक्सीडेंट हुआ था, तब मुझे भी पैरालंपिक को लेकर पता नहीं था. मगर सोशल मीडिया और बाकी लोगों से पता चला. अब मुझे भी बहुत से कॉल आते हैं कि मेरा भी एक्सीडेंट हो गया है, क्या करना है. मगर एक्सीडेंट के बाद चीजों को एक्सेप्ट करने में काफी समय लगता है. मुझे भी 2 साल लगे थे.

लोगों की सहानूभूति चाहिए या फेवर?

इसके जवाब में अवनि ने कहा- जब मैं शोपिंग के लिए जाती हूं तो कई लोग कहते हैं कि आप व्हीलचेयर पर हो और ऐसा करोगी, कभी सोचा नहीं था. लोग मुझसे पहले मेरी व्हीलचेयर देखते हैं. मेरे परिवार, भाई-बहन और दोस्तों ने भी मेरे साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया. सभी ने मेरा सपोर्ट किया. जो एक्सीडेंट वाली लड़की मेरे पास आई थी, वो अपनी फैमिली के साथ बाहर जाने से डरती थी, क्योंकि वो व्हीलचेयर पर थी. मगर मेरे भाई या किसी ने भी मुझे ऐसा ऐसा अहसास होने नहीं दिया.

समित ने कहा- सभी पैरालंपिक एथलीट की सबसे एक कॉमन बात है कि परिवार का सपोर्ट. एक्सीडेंट के बाद मेरे परिवार वालों ने बाइक ही गिफ्ट दी थी. ताकी मैं किसी चीज से डरूं नहीं. खेतों में काम तक करवाते थे. मगर बाइक चलाना और दौड़ना सब आसान दिखने लगा. आर्टिफिशियल पैर के साथ घूमना विदेश में कामन हैं, लेकिन भारत में हम बाहर जाते हैं, तो लोग हैरानी से देखते हैं.

गोल्ड मेडलिस्ट नवदीप ने लोगों के नजरिये को लेकर कहा- अगर कोई व्यक्ति आप पर हंसता, तो आपके बीच अंडरस्टैंडिंग अच्छी होगी तो ऐसा नहीं होगा. इन सभी मामलों में अंडरस्टैंडिंग बेहद जरूरी है.



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