सांकेतिक तस्वीर


दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2024-25 में छात्रों की रुचि लगातार कम होती दिख रही है. इस बार मात्र 35.21% वोटिंग हुई है. कुल 1 लाख 46 हजार वोटरों में से सिर्फ 51 हजार 4 सौ ने ही शुक्रवार को अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उम्मीदवारों के तमाम वादे छात्राओं की संख्या बढ़ाने में न काफी साबित हुए हैं. भले ही छात्राओं के लिए कई मुद्दे केंद्र में रखकर इलेक्शन लड़ा गया हो.

नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद पर हक जमाने की कोशिश में लगातार शोर-शराबा और हुड़दंग छात्राओं को पसंद नहीं आया. कई कॉलेजों में छात्राओं की संख्या कुल मतदान से भी पांच गुना कम रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अदिति महाविद्यालय, मिरांडा हाउस और विवेकानंद कॉलेजों में करीब 20 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 6 कॉलेजों में 35 प्रतिशत से अधिक मतदान नहीं हो सका.

महिला कॉलेजों में मतदान
कॉलेज कुल मतदाता मतदान वोट %
मिरांडा हाउस कॉलेज 53113 1124 21
लक्ष्मीबाई कॉलेज 3704 532 14
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज 3863 713 18
विवेकानंद कॉलेज 1849 379 20
अदिति कॉलेज 1540 522 34
भगिनी निवेदिता कॉलेज 818 161 19

छात्राओं के लिए चुनावी वादे

इस बार हॉस्टल और फीस बढ़ोतरी के अलावा छात्राओं के वोट पाने के लिए कई वादों पर चुनाव लड़ा गया है. इनमें गर्ल्स स्टूडेंट की सिक्योरिटी, सेनेटरी पैड, पिंक बूथ, वुमेन कॉमन रूम, 50% महिला उम्मीदवार और दिल्ली यूनिवर्सिटी के चार प्रमुख पदों में से दो को महिलाओं के लिए आरक्षित करना आदि शामिल थे.

कुल वोट प्रतिशत 35.21% रहा

डूसू इलेक्शन की वोटिंग दो शिफ्टों में हुई थी. मॉर्निंग शिफ्ट में 1 लाख 23 हजार 5 सौ छात्रों में से 44 हजार 3 सौ ने वोट डाले. मॉर्निंग शिफ्ट में वोटिंग प्रतिशत 34.46% रहा. दूसरी ओर, इवनिंग शिफ्ट में 17,386 छात्रों में से केवल 7,087 ने वोट किए, जो कि 40.76% रहा. दोनों शिफ्टों को मिलाकर कुल वोट प्रतिशत 35.21% रहा. इस साल का वोटिंग प्रतिशत पिछले साल की तुलना में लगभग 7% कम रहा है. पिछले साल 42% वोट डाले गए थे. पिछले कुछ सालों के ट्रेंड की बात करें तो डूसू चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 40 से 45% के बीच रहता था. इस बार औसतन 5 से 10% की कमी दर्ज की गई है.

क्यों कम हुआ वोट प्रतिशत?

इस बार का कम वोट प्रतिशत छात्रों की चुनाव में कम दिलचस्पी को भी दर्शाता है. आमतौर पर दिल्ली छात्र संघ चुनाव में सबसे ज्यादा भागीदारी फर्स्ट ईयर के छात्रों का होता है लेकिन जानकार मानते हैं कि क्योंकि इस बार एडमिशन देर से हुआ इसलिए उन छात्रों में चुनाव को लेकर रुचि कम देखी गई.

बैलेट रूम में इलेक्शन इंचार्ज प्रोफेसर के साथ हाथापाई

मतदान के दौरान नॉर्थ कैंपस में उम्मीदवार और इलेक्शन इंचार्ज प्रोफेसर के साथ हाथापाई का मामला सामने आया था. आरोप है कि वोटिंग के दौरान NSUI के एक उम्मीदवार ने प्रोफेसर के साथ हाथापाई की. बताया जा रहा है कि संयुक्त सचिव पद पर प्रत्याशी NSUI कैंडिटेंस लोकेश चौधरी 27 सितंबर को करीब 9 बजे बैलेट रूम में पहुंचा था. वहां देखा कि सभी बैलेट बॉक्स बंद थे और काफी देर तक वोटिंग शुरू नहीं हुई थी. इसे लेकर कैंडिडेट और प्रशासन के बीच काफी कहासुनी हो गई. इसके बाद प्रोफेसर के साथ हाथापाई की घटना हुई. हालांकि इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है.

कब घोषित होंगे नतीजे?

दिल्ली हाईकोर्ट के न‍िर्देशों को देखते हुए अभी डूसू का रिजल्ट 28 सितंबर को जारी नहीं किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने वोटों की गिनती और इलेक्शन रिजल्ट जारी करने पर तब रोक लगा दी है, जब तक सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे उम्मीदवारों के पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स आदि हटा नहीं लिए जाते. हाईकोर्ट की अगली तारीख 21 अक्टूबर को है. अनुमान लगाया जा रहा है कि हाईकोर्ट की अगली सुनवाई (21 अक्टूबर को) को कोर्ट के आदेश के बाद ही डूसू का रिजल्ट जारी किया जाएगा.  

बता दें कि ABVP ने अध्यक्ष पद के लिए ऋषभ चौधरी, उपाध्यक्ष पद के लिए भानु प्रताप सिंह, सचिव पद के लिए मित्रविंदा कर्णवाल और संयुक्त सचिव पद के लिए अमन कपासिया को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं NSUI ने अध्यक्ष पद पर रौनक खत्री, उपाध्यक्ष पद पर यश नांनदल, सचिव पद पर नम्रता जेफ और संयुक्त सचिव पद के लिए लोकेश चौधरी को टिकट देकर दांव खेला है.

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