नक्सलियों ने किया सरेंडर.


छत्तीसगढ़ की सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. छत्तीसगढ़ के मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पुरवर्ती में 15 साल से सक्रिय चार नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. बता दें कि पहली बार इस गांव के किसी नक्सली ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. इन सभी ने पुलिस की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है.

दरअसल, नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शनिवार को सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. नक्सली कमांडर हिडमा के गांव के चार नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है, जो 15 साल से सक्रिय थे. बता दें कि नक्सलियों की बटालियन एक का कमांडर हिडमा छत्तीसगढ़ का मोस्ट वांटेड नक्सली है, जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा है.

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पुरवर्ती गांव में सक्रिय चार नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने बिना हथियार के सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली कई नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति तथा नियाद नेला नार योजना से प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. 

आत्मसमर्पित नक्सली माड़वी भीमा, माड़वी सुक्का, कवासी बुधरा और कुंजाम मुया ने नक्सल संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के उद्देश्य से आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण किया. नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में जगरगुंडा थाना, 150 बटालियन सीआरपीएफ एवं 201 बटालियन करेबरा के सूचना शाखा के जवानों की विशेष भूमिका रही. 

पुनर्वास नीति के तहत दी जाएगी सुविधाएं

आत्मसमर्पित सभी नक्सली नक्सल संगठन में शामिल होकर पुलिस गश्ती दल पर हमला करने, पुलिस दल के मार्गों पर कीलें एवं बम लगाने, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करने, शासन-प्रशासन के विरुद्ध बैनर एवं नक्सली पर्चे लगाने सहित अन्य घटनाओं में शामिल रहे हैं. सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.

मामले में DSP ने कही ये बात

सुकमा डीएसपी मनीष रात्रे ने बताया कि पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आज पुर्ववर्ती में सक्रिय चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. अंदरूनी इलाकों में लगातार खुल रहे पुलिस कैंप और पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उन्होंने आत्मसमर्पण किया है. सभी को पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधाएं दी जाएंगी.

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