इजरायल द्वारा तीन दशक से हिज्बुल्लाह के नेता रहे हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद मध्य पूर्व में जारी तनाव और बढ़ गया है. इस घटना ने, संभावित रूप से इस क्षेत्र को एक बहुत व्यापक और उससे भी अधिक हानिकारक संघर्ष के करीब ला दिया है, जिसने ईरान और अमेरिका दोनों के शामिल होने की आशंका को बढ़ा दिया है. इजरायल लगातार लेबनान की राजधानी बेरूत और अन्य इलाकों में हिज्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाकर बमबारी कर रहा है. आजतक लेबनान की जमीन पर इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जारी युद्ध पर ग्राउंड जीरो से नजर बनाए हुए है. आइए जानते हैं वहां के ताजा हालात क्या हैं…
हसन नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान में पांच दिवसीय राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और सरकारी कार्यालय 2 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. दक्षिणी बेरूत के दहियाह इलाके में हिज्बुल्लाह हेडक्वार्टर पर इजरायली बमबारी के बाद लोगों के बीच डर का माहौल है. वे अपने घरों में जाने से डर रहे हैं कि न जाने कब इजरायली विमान फिर बमबारी कर दें. हजारों लोग सड़कों पर खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं. लेबनान के दक्षिणी हिस्से से लोग देश के अन्य सुरक्षित हिस्सों में पलायन कर रहे हैं. बता दें कि लेबनान का दक्षिणी हिस्सा इजरायल की सीमा से करीब पड़ता है.
दहियाह के हजारों लोग डर के मारे बेरूत की सड़कों पर रात गुज़ारने पर हुए मजबूर | देखिए संवाददाता अशरफ वानी की ये रिपोर्ट#ReporterDiary | (@ashraf_wani) pic.twitter.com/rtqeyG9PAh
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इजरायल ने आरोप लगाया है कि हिज्बुल्लाह आवासीय इमारतों में अपने हथियार छिपाए हैं. दक्षिणी बेरूत में स्थित ऐसी ही एक बहुमंजिला इमारत पर 27 सितंबर को इजरायली एयरफोर्स ने भीषण बमबारी करके जमींदोज कर दिया. आईडीएफ ने कहा कि इसी इमारत के बेसमेंट में हिज्बुल्लाह का मुख्यालय बनाया गया था और इस मिलिशिया ग्रुप को यहीं से ऑपरेट किया जा रहा था. इजरायल ने दावा किया कि हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और संगठन के अन्य शीर्ष कमांडर इसी इमारत में मौजूद थे. इजरायली इंटेलिजेंस एजेंसियों के सटीक खुफिया इनपुट पर आईडीएफ ने इस आवासीय इमारत पर एक-एक टन के 80 बम गिराए. इस हमले में नसरल्लाह के साथ हिज्बुल्लाह की टॉप लीडरशिप मारी गई.
नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान में अफरा-तफरी का माहौल है. लोग गमगीन है और इजरायली हमले के खिलाफ हिज्बुल्लाह की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच हिज्बुल्लाह ने हाशिम सफीद्दीन (हाशिम सफी अल दीन) को अपना नया चीफ घोषित किया है. वह हसन नसरल्लाह का रिश्तेदार है. 1964 में दक्षिणी लेबनान के दीर कानून अल-नाहर में जन्मे हाशिम को 1990 के दशक से ही नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता रहा है. तब हाशिम ईरान में पढ़ाई करता था और उसे बेरूत वापस बुलाया गया था. नसरल्लाह के नेतृत्व संभालने के दो साल बाद ही हाशिम ने हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व करना शुरू कर दिया.
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हिज्बुल्लाह प्रमुख बनने से पहले हाशिम सफीद्दीन संगठन के राजनीतिक मामलों को देखता था और एग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख था. हाशिम, संगठन के मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग करने वाले जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है. अमेरिका ने 2017 में हाशिम को आतंकवादी घोषित किया था. हिज्बुल्लाह के लिए काम करने और सीरिया में बशर अल-असद शासन का समर्थन करने के चलते सऊदी अरब ने भी उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया था. हाशिम सफीद्दीन फिलिस्तीन के मुद्दों पर काफी मुखर है. वह हमेशा इजरायल, अमेरिका और उनके मित्र देशों के खिलाफ उग्र भाषण देता रहा है.