LPG cylinder, Kanpur railway track.


उत्तर प्रदेश के एक रेलवे ट्रैक पर एक बार फिर से गैस सिलेंडर जैसी चीज मिलने से हड़कंप मच गया. गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशनों के बीच रेल पटरियों पर सिलेंडर जैसी चीज देखने  के बाद ट्रेन को रोक लिया गया. अधिकारियों के अनुसार, रविवार को एक अन्य यात्री ट्रेन के चालक ने गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशनों के बीच रेल पटरियों पर सिलेंडर जैसी वस्तु को देखकर ब्रेक लगाया.

अतिरिक्त महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी ने कहा, “यह घटना तब हुई जब ट्रेन सुबह चार बजे मुंबई से लखनऊ की ओर जा रही थी. वह गोविंदपुरी स्टेशन पहुंची ही थी कि रविवार सुबह करीब चार बजे ड्राइवर ने पटरी पर एक सिलेंडर देखा, जिसके बाद ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया गया. सिलेंडर देखकर लोको पायलट ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी, लेकिन बाद में पता चला कि सिलेंडर रेलवे के अग्निशामक यंत्र था. 

‘इस कृत्य के पीछे नहीं था आपराधिक इरादा’

एडीजी ने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ संयुक्त रूप से जांच शुरू की और पाया कि इस कार्य के पीछे कोई आपराधिक इरादा नहीं था. निष्कर्षों में आगे दावा किया गया है कि इस मामले में कोई बाहरी या अन्य आपराधिक संलिप्तता नहीं है.

एडीजी ने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जांच रिपोर्ट में रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अग्नि सुरक्षा सिलेंडर रेलवे की संपत्ति थी और इसे सेक्शन इंजीनियर (कैरिज एंड वैगन) गोरखपुर द्वारा जारी किया गया था. यह दुर्घटनावश किसी अन्य ट्रेन से गिर गया होगा. हाल ही में इसी तरह की घटनाओं के बाद रेलवे अधिकारी अलर्ट पर हैं.

‘एक आरोपी को पकड़ा’

वहीं, शनिवार को बांदा-महोबा रेल ट्रैक पर बाड़ लगाने का खंभा लगाने के आरोप में एक 16 वर्षीय लड़के को पकड़ा गया. पुलिस ने कहा कि एक यात्री ट्रेन के ड्राइवर को पटरियों पर कंक्रीट का खंभा देखने के बाद ट्रेन को रोकने के लिए आपातकालीन ब्रेक लगाने पड़े थे.

इसके अलावा, शनिवार को बलिया के बैरिया इलाके में एक ट्रेन का इंजन रेलवे ट्रैक पर रखे पत्थर से टकरा गया, अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ.

RPF ने गठित की टीम

अधिकारियों ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए आरपीएफ ने एक विशेष टीम का गठन किया है और रेल मार्ग पर गश्त की जा रही है. वहीं, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.

आरपीएफ इंस्पेक्टर वीके सिंह ने पीटीआई को बताया, “हमारा मानना है कि ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से ऐसा किया गया है. इस मामले में टीम का मौजूदा निष्कर्ष यह है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर रखा है.”

वहीं, 8 सितंबर को कानपुर में पटरियों पर एक एलपीजी सिलेंडर पाए जाने पर प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने का कथित प्रयास किया गया था. अभी एक सप्ताह पहले प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी के लोको पायलट को भी पटरी पर एक खाली गैस सिलेंडर मिला था. इन दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है.

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