अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन


ईरान और इजरायल के बीच तनाव गहराता जा रहा है. दोनों देश अब आमने-सामने हैं, ईरान के मिसाइल अटैक के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की बात कही है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान को इस हमले की कीमत चुकानी होगी. इसी बीच G7 देशों ने दोनों मुल्कों में तनाव कम करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई. इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह इजरायल का साथ दे रहे हैं, लेकिन अगर इजरायल ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करता है तो अमेरिका इसमें उसका साथ नहीं देगा. 

रॉयटर्स के मुताबिक बाइडेन ने कहा कि वह ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में उसके परमाणु स्थलों पर किसी भी इजरायली हमले का समर्थन नहीं करेंगे और उन्होंने इजरायल से अपने दुश्मन के खिलाफ आनुपातिक कार्रवाई करने का आग्रह किया. बाइडेन ने यह बात ईरान द्वारा इजरायल पर 180 से अधिक मिसाइलें दागे जाने के एक दिन बाद कही. हालांकि बाइडेन ने ईरान के इस हमले को पहले अप्रभावी बताया था.

‘इजरायल को जवाब देने का अधिकार’

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई कि ईरान इस हमले की कीमत चुकाएगा. बाइडेन ने एयर फोर्स वन में सवार होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि हम इजरायलियों के साथ चर्चा करेंगे कि वे क्या करने जा रहे हैं, लेकिन हम सभी G7 देश इस बात पर सहमत हैं कि उन्हें जवाब देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें आनुपातिक रूप से जवाब देना चाहिए. बाइडेन ने कहा कि ईरान पर और अधिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे और वह जल्द ही नेतन्याहू से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि जाहिर है, ईरान अपने रास्ते से बहुत दूर है. 

इजरायल कर करता है तेहरान पर अटैक

हालांकि कुछ विश्लेषकों ने कहा कि इजरायल की प्रतिक्रिया अप्रैल में ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोन हमले की तुलना में इस बार ज्यादा घातक हो सकती है, इस बार इजरायल तेहरान के परमाणु स्थल या तेल सर्विस को निशाना बना सकता है. 

‘हमले के बाद के हालातों पर विचार करे इजरायल’

जानकारी के मुताबिक इजरायल के अधिकारियों ने अमेरिकी समकक्षों से कहा है कि वे अभी भी ईरान के मिसाइल हमले के जवाब के लिए लक्ष्य, समय और जगह तय कर रहे हैं. वहीं, सूत्रों ने कहा कि ईरान के अप्रैल के हमले के बाद के विपरीत अमेरिका इजरायल पर जवाबी कार्रवाई से बचने के लिए दबाव नहीं डाल रहा है, लेकिन चाहता है कि इजरायल पहले संभावित परिणामों पर सावधानीपूर्वक विचार करे. बता दें कि ईरान के मिसाइल हमले ने इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है.

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