आधा से ज्यादा बिहार बाढ़ की चपेट में है. कम से कम 16 जिलों में बाढ़ से हाहाकार है. कोसी, गंडक और बागमती जैसी नेपाल से जुड़ी नदियां उफान पर हैं. खेतों में खड़ी फसलें डूब रही हैं, घरों में पानी घुस आया है. ये नेपाल से आ रही तबाही की पहली खेप का असर है. चिंता की बात ये है कि अभी नेपाल में भी खतरा बढ़ने वाला है. नेपाल के सुनसरी में भारी बारिश की आशंका जताई गई है. एडवाइजरी जारी की गई है यानी बिहार का संकट अभी और गहराने वाला है.
2 लाख से ज्यादा हेक्टेयर की खड़ी फसल पानी में डूबी
बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. आंकड़ों के मुताबिक 1 अक्टूबर तक राज्य के 16 जिलों में इस आसमानी आफत से बर्बादी हुई है. करीब 325 गांव बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और साढ़े 11 लाख की आबादी इस संकट से जूझ रही है. यहां आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. साथ ही बाढ़ के पानी में 2 लाख से ज्यादा हेक्टेयर की खड़ी फसल डूब गई है, जिससे किसानों को बड़े नुकसान की आशंका है. वहीं, पानी उतरने के बाद नुकसान का आकलन हो सकेगा.
सबसे ज्यादा प्रभावित मुजफ्फरपुर
सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है मुजफ्फरपुर. वहां बाढ़ का असर साफ दिख रहा है. गांव-शहरों में पानी भरा है और राष्ट्रीय राजमार्ग सैकड़ों परिवारों का सहारा बना है. ग्रामीण पूरे परिवार और मवेशियों के साथ जरूरी सामान लेकर एनएच पर तंबू गाड़ चुके हैं. कुछ लोगों ने ट्रैक्टर और ट्रकों को ही अपना अस्थायी आशियाना बना लिया है, वो मदद का इंतजार कर रहे हैं.
इन जिलों में भी हालात गंभीर
बिहार के 15 अन्य जिलों में भी हालात गंभीर हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा में आई बाढ़ से जो 16 जिले प्रभावित हैं. उनमें पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा में बड़ी आबादी बाढ़ संकट से त्रस्त है.