उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की करीबी और सपा नेत्री एकता कौशिक के लिए राहत की खबर है. रामपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत ने उनको जमानत दे दी है. दरअसल, सपा सरकार में रामपुर के ओरिएंटल कॉलेज मदरसा आलिया से कुछ किताबें चोरी हो गई थीं, जिसमें आजम खान सहित कुल 12 लोग आरोपी हैं. इनमें से एक आरोपी सलीम कासिम की मृत्यु हो चुकी है. शेष सभी की अदालत से जमानत हो चुकी है. केवल एकता कौशिक जमानत से शेष रह गई थी.
रामपुर एमपी एमएलए विशेष अदालत मजिस्ट्रेट ट्रायल में हाजिर हुईं एकता कौशिक ने अपने वकीलों के माध्यम से जमानत की अर्जी लगाई थी. इस पर अदालत ने 50-50 हजार के दो जमानती के साथ अग्रिम जमानत दिए जाने के आदेश दिए हैं.
रामपुर में नवाबी दौर का मदरसा आलिया जो कि ओरिएंटल कॉलेज के नाम से जाना जाता है, अरबी और फारसी की शिक्षा का बड़ा केंद्र था. इसमें बेहद बेशकीमती किताबें व पांडुलिपियां थीं, जिनको कथित रूप से समाजवादी पार्टी की सरकार में गायब कर दिया गया था. उनकी चोरी का मामला भाजपा सरकार आने पर 16 जून 2019 को दर्ज हुआ था. आजम खान, अब्दुल्ला आजम सहित 12 लोग इस मामले में आरोपी थे. इस मामले की विवेचना के दौरान एकता कौशिक का नाम पुलिस की जांच में आया था.
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कोर्ट से बाहर निकलीं एकता कौशिक ने कहा कि मुझे तो कुछ पता ही नहीं था कि कौन सा मुकदमा था और क्या हुआ, लेकिन कोर्ट ने आदेश किया था तो मैं यहां आ गई हूं. कोर्ट के आदेश पर मुझे बेल मिल गई है. मुझे इंसाफ मिल गया, क्योंकि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था. न्यायालय बिल्कुल सही करता है, जो भी करता है.
यह पूछे जाने पर कि एलिगेशन क्या राजनीतिक दबाव में लगे थे? इस पर एकता कौशिक ने कहा कि मैं इसके बारे में कुछ नहीं कहूंगी, क्या हुआ कैसे हुआ. बस मुझे इतना पता है कि मुझे इंसाफ मिला है और मैं आगे भी इंसाफ की उम्मीद करती हूं.
क्या बोले एकता कौशिक के वकील?
एकता कौशिक के वकील नासिर सुल्तान ने कहा कि एकता कौशिक आज आई थीं. उनके खिलाफ 2019 में एक मामला किताब चोरी का दर्ज हुआ था. पहले अज्ञात में दर्ज हुआ, फिर बहुत से मुल्जिमो के इसमें नाम आए. मोहम्मद आजम खान का नाम आया. इसके बाद अब्दुल्ला आजम का नाम आया. कई लोगों के खिलाफ कई बार चार्टशीट न्यायालय में आई. इसमें एकता कौशिक का नाम भी था. उनके खिलाफ अभी विवेचना चल रही है.
पिछले दिनों उनके खिलाफ न्यायालय से विवेचक द्वारा वारंट लिया गया था. उसके बाद फिर एंटीसिपेटरी बेल लगाई गई थी. पिछले 19 सितंबर को न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट से उनकी जमानत मंजूर हुई थी. जमानत मंजूर होने के बाद उसमें जमानती हमें दाखिल करने थे. आज जमानती प्रस्तुत किए गए थे. इसमें 50-50 हजार के जमानती लगाए हैं. अग्रिम जमानत मिल गई है.