Assam CM hands over first instalment of monthly stipend to girl students under Nijut Moina scheme इस राज्य के स्कूली छात्राओं को हर महीने 1000, PG में 2500 रुपये, रिलीज हुई पहली किस्त


Nijut Moina Scheme: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (06 अक्टूबर) को एक नई सरकारी योजना के तहत 11वीं क्लास से पीजी तक की छात्राओं को मासिक वजीफे की पहली किस्त सौंपी. सीएम सरमा ने इस योजना की शुरूआत अगस्त में की थी. उन्होंने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में छात्राओं को पहले महीने के चेक सौंपे. पूरे राज्य में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें छात्राओं को ‘निजुत मोइना’ योजना के तहत पहली किस्त दी गई.

इस मौके पर सीएम सरमा ने अपने संबोधन में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और इसके जरिए बाल विवाह को रोकने के दोहरे उद्देश्य पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि छात्राओं के बीच पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर, विशेष रूप से उच्च स्तर तक पहुंचने पर अधिक है और कारणों का विश्लेषण करने पर इसके कई कारण सामने आए हैं.

सीएम सरमा ने क्यों शुरू की ये योजना?

उन्होंने कहा कि इसके मुख्य कारणों में खराब आर्थिक स्थिति, पढ़ाई के दौरान नौकरी में लग जाना और कम आयु में विवाह हो जाना शामिल है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस योजना के पीछे हमारे दो उद्देश्य हैं, पहला यह सुनिश्चित करना कि लड़कियां अपनी पढ़ाई पूरी करें और दूसरा यह कि जब वे विवाह करें तो कम से कम स्नातक हों.’’

उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त प्रवेश और अन्य प्रोत्साहन जैसी विभिन्न योजनाएं चला रही है, वहीं ‘निजुत मोइना’ कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित होने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है.

क्या है निजुत मोइना योजना?

इस योजना के तहत हायर सेकेंडरी एजुकेशन लेने वाली सभी लड़कियों को हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे, डिग्री लेने वाली छात्राओं को 1,250 रुपये और पीजी करने वाली लड़कियों को 2,500 रुपये मिलेंगे. प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को छोड़कर सभी लड़कियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, उनकी आर्थिक स्थिति चाहे जो भी हो.

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगले महीने से यह राशि छात्राओं के बैंक खातों में जमा की जाएगी और उन्हें साल में 10 महीने के लिए वजीफा मिलेगा जिसमें गर्मी की छुट्टियों के दौरान जून और जुलाई में दो महीने के दौरान यह यह वजीफा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘लड़कियों को वजीफा मिलना जारी रखने के लिए उन्हें ऐसी किसी अनुचित गतिविधि में लिप्त नहीं होना चाहिए जो एक छात्रा के आचरण के विपरीत हो और उन्हें इसके लिए उचित आचरण और व्यवहार का पालन करना चाहिए.’’

इन लोगों को नहीं मिलेगा वजीफा

उन्होंने यह भी कहा कि स्नातकोत्तर या बी.एड की पढ़ाई कर रही विवाहित महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी, लेकिन अगर कोई लड़की स्नातक की पढ़ाई पूरी करने से पहले शादी कर लेती है तो उसे वजीफा मिलना बंद हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लैंगिक समानता और महिला शिक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और जब तक हम महिला शिक्षा को सार्वभौमिक नहीं बना देते तब तक समाज प्रगति नहीं कर सकता.’’

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपने अगले वार्षिक बजट में लड़कों के लिए एक योजना लेकर आएगी. विपक्षी दलों की इस आलोचना पर कि सरकार ऐसी योजनाओं के माध्यम से ‘लाभार्थी’ तैयार कर रही है, सीएम सरमा ने कहा कि यदि छात्राओं को मदद नहीं दी गई तो स्कूल छोड़ने वालों की दर में काफी वृद्धि हो सकती है.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कहती है कि हम लाभार्थी तैयार कर रहे हैं. मैं कहता हूं कि हम एक नयी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं जो शिक्षित है और राज्य को देश में सबसे शीर्ष राज्यों में से एक बनाएगी.’’ सरमा ने पहले कहा था कि इस योजना के लिए पांच साल के लिए अनुमानत: 1,500 करोड़ रुपये की जरूरत होगी जिससे कुल मिलाकर लगभग 10 लाख लड़कियों को प्रोत्साहन मिलेगा. पहले साल में योजना में लगभग दो लाख लड़कियों को शामिल किया जाएगा और इस पर 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

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