Justin Trudeau Canadian MP Discontent with his performance may topple PM PM मोदी से पंगा लेना पड़ा जस्टिन ट्रूडो को भारी? छिन सकती है पीएम की कुर्सी


Canadian PM Justin Trudeau Impeachment: कनाडा में लिबरल पार्टी के भीतर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लिबरल पार्टी के कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री पर इस्तीफा देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. CBC न्यूज़ के अनुसार, हाल के टोरंटो और मॉन्ट्रियल उपचुनावों में हार के बाद यह असंतोष अपने चरम पर पहुंच गया है.

कम से कम 20 लिबरल सांसदों ने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें नेतृत्व में बदलाव की मांग की गई है. इस दस्तावेज़ को एक प्रतिबद्धता पत्र कहा जा रहा है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के संभावित विरोध के बावजूद, ट्रूडो से इस्तीफा लेने की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है.

गुप्त बैठकों में हो रही चर्चा

टोरंटो-सेंट पॉल उपचुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद से लिबरल पार्टी के सांसदों में असंतोष की लहर दौड़ गई थी. संसद के दोबारा शुरू होते ही यह असंतोष और भी बढ़ गया, खासकर मॉन्ट्रियल उपचुनाव में हार के बाद. रिपोर्टों के अनुसार, ट्रूडो और उनकी चीफ ऑफ स्टाफ केटी टेलफोर्ड की हाल की एशिया यात्रा के दौरान कई सांसदों ने गुप्त बैठकें कीं, जिसमें नेतृत्व में बदलाव पर चर्चा हुई.

टोरंटो स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, “कम से कम 30 से 40 सांसद” इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, जो ट्रूडो को इस्तीफा देने के लिए सार्वजनिक तौर पर दबाव बनाने का प्रयास है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि असंतुष्ट सांसदों की संख्या अभी इतनी नहीं है कि पार्टी में निर्णायक बदलाव हो सके.

पार्टी के भीतर टूट की आशंका

दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने वाले एक सांसद ने CBC को बताया, “यह एक तरह की बीमा नीति है. हमें PMO से बढ़ते दबाव से पहले कदम उठाने की ज़रूरत थी.” हालांकि, सांसदों को डर है कि अगर जल्दबाजी में कदम उठाया गया तो पार्टी के भीतर विभाजन की स्थिति पैदा हो सकती है, जैसा कि टोरंटो उपचुनाव हार के बाद हुआ था.

वहीं, व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने इस योजना पर निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है और वह इन चर्चाओं से असहमत हैं. सितंबर में, एक अन्य पार्टी के साथ पार्लियामेंटरी समझौता टूटने के बाद भी ट्रूडो ने विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी द्वारा चुनाव कराने के प्रयासों से खुद को बचा लिया था.

जब भारत के खिलाफ टूड्रो ने उगला था जहर

पिछले साल कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंसियों पर लगाया था. उसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था. भारत ने कूटनीतिक तरीके से इस मुद्दे पर कनाडा को घेर लिया था और कनाडाई पीएम खुद के आरोपों की वजह अपने ही देश में अलग-थलग पड़ गए थे.

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