China-Pakistan On Kashmir: पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापना बंद नहीं हो रहा. अब उसके साथ चीन ने भी सुर में सुर मिलाया है. एससीओ समिट के दौरान दोनों देशों ने एक साथ कश्मीर पर रोना धोना किया. द्विपक्षीय बातचीत के बाद संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया गया.

गौर करने वाली बात ये है कि चीन ने कहा कि यह इतिहास का बचा हुआ मुद्दा है जिसे हल करने की जरूरत है. उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के नाम पर कहा गया कि दोनों पक्षों ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व और सभी लंबित विवादों के समाधान की जरूरत साथ ही किसी भी एकतरफा कार्रवाई के विरोध की पुष्टि की.

कश्मीर को लेकर चीन के सामने रोया पाकिस्तान

बयान में कहा गया, पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू-कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रमों से अवगत कराया. चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर विवाद इतिहास से बचा हुआ है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए.

पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद पर क्या बोला चीन?

चीनी पक्ष ने आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के निरंतर प्रयासों और जबरदस्त बलिदानों तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में उसके योगदान की सराहना की.

दोनों पक्षों ने शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण के साथ आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई साथ ही आतंकवाद-रोधी कार्य में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने और आतंकवाद-रोधी कार्य के राजनीतिकरण और साधनीकरण का संयुक्त रूप से विरोध करने पर सहमति व्यक्त की.

दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र और शंघाई सहयोग संगठन जैसे ढांचे के भीतर बहुपक्षीय आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने की तत्परता व्यक्त की.

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