Canadian MP Chandra Arya raises Khalitani Terrorists issue in Parliament gets angry जस्टिन ट्रूडो के सामने संसद में भड़के कनाडाई सांसद और बोले- खालिस्तानी आतंकियों को क्यों गंभीरता से नहीं लेते, मेरे साथ भी वो हिंसा...


कनाडा की संसद में बुधवार (23 अक्टूबर, 2024) को खालिस्तानी आतंकियों के मुद्दे पर बहस हुई. एक सांसद ने मुद्दा उठाया और कहा कि कानून एजेंसियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक कनाडाई समस्या है. भारतीय मूल के एक प्रमुख कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ एक कनाडाई समस्या है और देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से लेना चाहिए.

चंद्र आर्य नेपियन से सांसद हैं. उन्होंने प्रतिनिधि सभा में बुधवार को सदन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. चंद्र आर्य ने कहा, ‘खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद कनाडा की एक समस्या है और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्य बल इसकी जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.’ उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि चरमपंथ और आतंकवाद राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से आग्रह करता हूं कि वे इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से लें.’ चंद्र आर्य ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि दो सप्ताह पहले जब वह एडमोंटन में एक हिंदू कार्यक्रम में भाग ले रहे थे, तब खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उनके खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था.

चंद्र आर्य ने कहा कि वह रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की सुरक्षा व्यवस्था की वजह से कार्यक्रम में भाग ले सके. उन्होंने कहा, ‘कनाडा में, हमने लंबे समय से खालिस्तानी चरमपंथ की गंभीर समस्या को पहचाना और अनुभव किया है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन और कनाडा में किसी भी रूप में विदेशी हस्तक्षेप अस्वीकार्य है.’

चंद्र आर्य ने ऐसे समय पर यह मुद्दा उठाया है, जब खालिस्तानी आतंकियों के मुद्दे पर भारत और कनाडा के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं. इसके चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूत को वापस भेज दिया है. पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए थे. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया था.

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