Eight out of 10 districts of Jammu hit by terrorist attacks in 2024 18 jawan martyred 315 दिन, दर्जनों हमले, 18 जवान शहीद… आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू?


Jammu Terrorist Attacks: जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना का लगातार आतंकवाद विरोध अभियान जारी है. पिछले तीन सालों में राजौरी और पुंछ में घातक हमलों के बाद इस साल आतंकवादी गतिविधियां जम्मू क्षेत्र के 6 अन्य जिलों में फैल गईं, इस साल जम्मू में आतंकी हमलों में 44 लोगों की जान गई है, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. राजौरी और पुंछ में हमलों में कमी देखी गई, जबकि अन्य जिलों में हमलों में वृद्धि देखी गई. सुरक्षा बलों ने खतरे का मुकाबला करने के लिए अभियान तेज कर दिए हैं और गश्त बढ़ा दी है.

सुरक्षा अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस साल जम्मू में आतंकी हमलों में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 44 लोगों की मौत हो गई है. राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों से लेकर 6 अन्य इलाकों में भी आतंकी हमले हुए हैं. हालांकि राजौरी और पुंछ के पीर पंजाल जिलों में पिछले सालों की तुलना में 2024 में आतंकी गतिविधियों में काफी कमी देखी गई है, लेकिन अप्रैल-मई से रियासी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, उधमपुर और जम्मू में हुईं सिलसिलेवार घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता पैदा कर दी है.

कठुआ और रियासी जिलों में नौ लोगों की हुई थी हत्या
अधिकारियों ने बताया कि खतरे का मुकाबला करने और शांतिपूर्ण क्षेत्रों में आतंक फैलाने के पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्तियों के प्रयासों को विफल करने को लेकर सेना ने पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के साथ मिलकर संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर घने जंगलों में लगातार अभियान चलाए हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल डोडा, कठुआ और रियासी जिलों में नौ लोगों की हत्या हुई, इसके अलावा किश्तवाड़ में पांच, उधमपुर में चार, जम्मू और राजौरी में तीन-तीन जबकि पुंछ में दो लोगों की जान गई.

अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में 18 सुरक्षाकर्मी और 13 आतंकवादी शामिल हैं.  उन्होंने बताया कि आतंकवादियों द्वारा मारे गए 14 नागरिकों में से सात शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्री थे, जबकि तीन ग्राम रक्षा प्रहरी (वीजीडी) थे. तीर्थयात्रियों की मौत बस पर हुए हमले में हुई थी, जिसमें स्थानीय चालक और कंडक्टर की भी मौत हो गई.

2021 में ज्यादातर सेना के वाहनों को बनाया गया निशाना 

वीडीजी को उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में गोली मार दी गई. जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों की तरह एक दशक पहले आतंकवाद से लगभग मुक्त होने वाले राजौरी-पुंछ क्षेत्र में अक्टूबर 2021 में ज्यादातर सेना के वाहनों को निशाना बनाकर घातक आतंकवादी हमले किए गए, जिसके कारण 47 सुरक्षा कर्मियों, 48 आतंकवादियों और सात आम व्यक्तियों समेत 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि राजौरी में 2021 में 19, 2022 में 14 और 2023 में 28 मौत हुईं. इसी तरह, पुंछ में 2021 में 15, 2022 में चार और 2023 में 24 मौत दर्ज की गईं.

ये भी पढ़ें:  जम्मू कश्मीर में शिवसेना और डोगरा फ्रंट ने शहादत पर की व्हाइट पेपर की मांग, कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *