केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने 13वें राष्ट्रीय बीज कांग्रेस में कहा कि कृषि भारत और विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. गुणवत्तापूर्ण बीजों के लिए “लैब टू लैंड” अवधारणा पर काम हो रहा है. जलवायु अनुकूल किस्में विकसित की गई हैं. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाराणसी में आयोजित तीन दिवसीय ’13वां राष्ट्रीय बीज कांग्रेस (NSC) 2024′ को संबोधित करते हुए कहा कि “अन्न ही ब्रह्म है” और खेती केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता का मुख्य आधार कृषि है. साथ ही, कृषि उत्पादों के निर्यात के माध्यम से भारत वैश्विक स्तर पर भी सहयोग प्रदान कर रहा है.
कृषि मंत्री ने कहा किसानों के लिए उन्नत और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अच्छी फसल के लिए प्रमाणित और गुणवत्तापूर्ण बीज अत्यंत आवश्यक हैं. इन बीजों को किसानों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार “लैब टू लैंड“ की अवधारणा पर कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में “जलवायु अनुकूल 109 किस्में“ विकसित की गई हैं, जो बदलती जलवायु परिस्थितियों में भी बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करेंगी.
इस बात पर जोर
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मददगार है. किसानों को मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कही ये बड़ी बात
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. कृषि अनुसंधान, नई तकनीकों और नीतियों के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है. इस अवसर पर उन्होंने “राष्ट्रीय बीज कांग्रेस“ को एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के बीच संवाद और ज्ञानवर्धन का अवसर प्रदान करता है. साथ ही, उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह के कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में नवाचार और सुधार को बढ़ावा देंगे.