India Maldives Relations MoUs Sign Mohammed Muizzu PM Narendra Modi इंडिया और मालदीव के बीच हुए कौन-कौन से करार और किस पर क्या पड़ेगा प्रभाव?


India Maldives Relations: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान सोमवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और मालदीव के प्रतिनिधियों के बीच पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आज सोमवार (07 अक्टूबर) को दिन में हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की. द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की. इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

कौन-कौन से समझौतों पर हुआ करार?

मुद्रा विनिमय समझौते पर मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर अहमद मुनव्वर और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ के बीच हस्ताक्षर किए गए.

भारत के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और मालदीव के राष्ट्रीय पुलिस एवं कानून प्रवर्तन कॉलेज के बीच समझौता ज्ञापन पर भारत में मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब और गृह मंत्रालय में सीमा प्रबंधन सचिव राजेंद्र कुमार के बीच हस्ताक्षर किए गए.

शाहीब और कुमार ने भ्रष्टाचार की रोकथाम और उससे निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग के लिए भारत के केंद्रीय ब्यूरो और मालदीव के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

शाहीब ने मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ मिलकर मालदीव के न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक प्राधिकरण (एनजेएआई) और मालदीव के न्यायिक सेवा आयोग (जेएससी) के बीच समझौता ज्ञापन को रिन्यू किया.

शाहीब और महावर ने खेल और युवा मामलों में सहयोग पर भारत और मालदीव के बीच एक और समझौता ज्ञापन को भी रिन्यू किया.

पीएम मोदी और मोहम्मद मुइज्जू की बातचीत में हुए ये फैसले

दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद कुछ अहम फैसले लिए गए जिनमें मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत, मालदीव में रूपे-कार्ड और यूपीआई की शुरुआत, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई है और समुद्री सुरक्षा पर खास जोर होगा, दोनों देशों में नए कंसुलेट खोले जाएंगे, मालदीव को भारतीय मदद से ढांचागत निर्माण कार्य तेज होगा और भारत की मदद से नये रनवे की शुरुआत जैसी चीजें शामिल हैं.

क्या पड़ेगा असर?

विदेश सचिव मिसरी ने कहा, “यह बहुत पुराना रिश्ता है. इसके कई महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, व्यापार, आर्थिक, विकासात्मक, लोगों के बीच संबंध, रक्षा और सुरक्षा भी इसका हिस्सा हैं. इस यात्रा के जरिए हमारा प्रयास पहले से ही मौजूद इस मजबूत रिश्ते को और मजबूत करने का है, जो कई साझा चिंताओं और हितों पर आधारित है. भारत मालदीव के सबसे बड़े व्यापार और विकास भागीदारों में से एक है.”

उन्होंने कहा, “हम मालदीव में कई विकास परियोजनाओं पर प्रगति कर रहे हैं, आज दोनों नेताओं ने इस संबंध के महत्व को स्वीकार किया, विशेष रूप से दोनों देशों के बीच मौजूद भौगोलिक निकटता और कई मायनों में ये संबंध पारस्परिक रूप से लाभकारी हैं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन की गतिविधियों पर चर्चा हुई, उन्होंने कहा कि चर्चा का मुख्य विषय “द्विपक्षीय” सहयोग था. हालांकि, उन्होंने बताया कि भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ सहयोग से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों को लाभ हुआ है और साझा हितों के मुद्दों पर एक-दूसरे की आवाज बुलंद हुई है.

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