Hardeep Singh Puri Warns Canada: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों पर कनाडा की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने भारतीय राजनयिक रवींद्र म्हात्रे की हत्या जैसे अतीत की दुखद घटनाओं का जिक्र किया. पुरी ने कहा कि किसी भी देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. उन्होंने कनाडा को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की प्रतिक्रिया त्वरित और सुव्यवस्थित होगी.
पुरी ने कहा कि सभी देशों के लिए राजनयिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए. उन्होंने विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से हाल ही में जारी किए गए बयान पर को सही ठहराया. विदेश मंत्रालय ने इस बयान में कनाडा के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था. पुरी ने कहा, “किसी भी प्रतिनिधि की सुरक्षा सभी सरकारों के लिए चिंता का विषय होनी चाहिए. मैं म्हात्रे केस को याद करता हूं, जब मैं उस देश में था. मैंने भारत का प्रतिनिधित्व करने वालों को धमकियों का सामना करते हुए देखा है और खुद भी इसका शिकार रहा हूं.”
‘भारत का जवाब कनाडा को हिला सकता है’
केंद्रीय मंत्री ने चेतावनी दी कि जब भारत एक बार सही तरीके से जवाब देगा तब जाकर कनाडा को भारत का वजन समझ में आएगा. उन्होंने कहा, “हमारे जवाब अब तक उदाहरणात्मक रहे हैं. जब हम जवाबों में बदलाव करेंगे तो उन्हें समझ में आएगा.”
कनाडा के आरोपों पर भारत की क्या रही प्रतिक्रिया
भारत और कनाडा के बीच तनाव तब बढ़ गया, जब पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बयान दिया कि उन्हें खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के “पुख्ता सबूत” मिले हैं. इसके बाद, भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप “अस्पष्ट” हैं और भारत पर आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके साल भर बाद 14 अक्टूबर 2024 को कनाडा ने एक बार फिर वहीं पुराने आरोप लगाने शुरू कर दिए.
कनाडा ने डिप्लोमैटिक कम्यूनिकेशन के जरिए आरोप लगाया कि कुछ भारतीय अधिकारी हरदीप सिंह निज्जर मामले में ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं. पर्सन ऑफ इंटरेस्ट यानी ऐसे लोग जिनका घटना से जुड़ाव हो या संदिग्ध हों. इस आरोप के बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, कुछ ही देर बाद कनाडा के चार्ज डी’अफेयर्स, स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया. इस बैठक में भारत ने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को “बिना सूबत के टारगेट” करने की आलोचना की.