Indonesia an Islamic country having pleasure marriage trend middle east people targeting young girls Indonesia Pleasure Marriage: इस मुस्लिम बहुल देश में फैल रहा है


Indonesia Pleasure Marriage Trend: दुनिया के मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में आज कल एक ऐसा ट्रेंड काफी जोरों से चल रह है, जिसमें गरीब महिलाओं की शादी वहां आने वाले टूरिस्टों से कर दी जाती है. इसी तरह से देश के Puncak क्षेत्र में निकाह मुताह (या अस्थायी शादी) की प्रथा ने गरीब समुदायों में गहरी जड़ें जमा ली हैं. इसका शिकार बनी 17 साल की कहाया (बदला हुआ नाम), जिसकी पहली अस्थायी शादी सऊदी अरब के रहने वाले एक अधेड़ उम्र के शख्स के साथ हुई थी. यह शादी सिर्फ पांच दिनों तक चली और आखिर में उसे तलाक देकर खत्म कर दी गई.

लॉस एंजिल्स टाइम्स पर छपी खबर के मुताबिक कहाया की शादी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के एक होटल में कराई गई थी. सऊदी अरब के एक पर्यटक ने इस अस्थायी शादी के लिए 850 डॉलर का दहेज दिया, जिसमें से केवल आधी रकम कहाया के परिवार तक पहुंची. शादी के बाद कहाया को Kota Bunga शहर के एक रिजॉर्ट में ले जाया गया, जहां उसे घर के काम करने के साथ-साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया. इस अस्थायी शादी के अनुभव से कहाया बेहद असहज महसूस करती थीं और चाहती थीं कि यह जल्द खत्म हो जाए. इस तरह की शादी को प्लेजर मैरिज भी नाम दिया गया है, जिसमें टूरिस्टों के साथ लड़कियों की शादी करवा दी जाती है.

इंडोनेशिया में अस्थायी शादियों का व्यापार
इंडोनेशिया के Puncak क्षेत्र में निकाह मुताह की प्रथा इतनी कॉमन हो गई है कि इसे “तलाकशुदा महिलाओं के गांव” के रूप में जाना जाने लगा है. इस धंधे में बिचौलियों, अधिकारियों और एजेंटों का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. गरीब लड़कियों को इस प्रथा में धकेल दिया जाता है, जहां उन्हें अस्थायी शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है और फिर कुछ ही दिनों में तलाक देकर छोड़ दिया जाता है.

आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव
कहाया की आर्थिक स्थिति ने उन्हें इस व्यापार का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया. महज 13 साल की उम्र में कहाया की पहली शादी एक क्लासमेट से करवाई गई थी. हालांकि, चार साल बाद तलाक हो गया. इसके बाद काम की कमी और पैसों की दिक्कत उसे अस्थायी शादियों या प्लेजर मैरिज की ओर धकेल दिया. कहाया की बड़ी बहन ने उन्हें इस रास्ते पर चलने की सलाह दी थी और पहली बार एक एजेंट से मिलवाया.

इंडोनेशिया में निकाह मुताह का विस्तार
इंडोनेशिया में निकाह मुताह प्रथा का विस्तार 1980 के दशक से शुरू हुआ, जब सऊदी अरब और थाईलैंड के बीच संबंध खराब हो गए और सऊदी पर्यटक इंडोनेशिया की ओर रुख करने लगे. मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया की 87 फीसदी आबादी इस प्रथा से जुड़ी हुई है. स्थानीय एजेंटों और व्यापारियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए निकाह मुताह को एक फलते-फूलते बिजनेस ट्रेंड में बदल दिया.

इस्लामी कानून और सामाजिक प्रभाव
हालांकि इंडोनेशिया के कानून में निकाह मुताह और वेश्यावृत्ति दोनों ही गैर-कानूनी हैं, लेकिन जमीन पर इस कानून का कोई खास असर नहीं दिखता. इसके बजाय यह प्रथा धर्म और कानून के बीच के ग्रे जोन में फल-फूल रही है. इस्लामिक फैमिली लॉ के प्रोफेसर यायन सोपयान का कहना है कि आर्थिक तंगी और बेरोजगारी इस प्रथा को बढ़ावा दे रही हैं, खासकर कोविड महामारी के बाद हालात और बदतर हो गए हैं.

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