Mental Health News (Image: Freepik)


पहाड़ पर चढ़ना या ऊंचाई से नीचे देखना अधिकतर लोगों के लिए डरावना हो सकता है, लेकिन यह ऊंचाई के डरना लोगों में एक भयानक खौफ पैदा कर सकता है. इस डर को एक्रोफोबिया के नाम से जाना जाता है. दरअसल, यह एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के अंदर एक गहरा डर होता है और जब भी वह किसी ऊंचे स्थान पर जाता है तो उसे चक्कर आने लगते हैं, शरीर कांपने लगता है और घबराहट महसूस होने लगती है. कई लोगों को तो ऊंचाई पर जाने से पैनिक अटैक भी आ जाता है. 

एक्रोफोबिया कई लोगों को होता है. जर्नल ऑफ एंग्जाइटी डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह अनुवांशिक कारणों से भी होता है. वहीं, जिन लोगों को एंग्जाइटी की समस्या होती है, उनमें भी एक्रोफोबिया के लक्षण देखने को मिलते हैं. ऊंचाइयों से जुड़े दर्दनाक अनुभव जैसे गिरना, दुर्घटनाएं, या किसी और को ऊंचाई से संबंधित दर्दनाक घटना का अनुभव करते देखना की वजह से भी एक्रोफोबिया हो सकता है. 

एक्रोफोबिया के लक्षण

1. एक्रोफोबिया में शारीरिक और मानसिक दोनों ही लक्षण महसूस होते हैं. जैसे चक्कर आना या हल्का सिरदर्द, पसीना आना, दिल की धड़कन तेज होना, कांपना, मतली या पेट में तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, मुंह का सूखना और बेहोशी या कमजोरी महसूस होना एक्रोफोबिया के शारीरिक लक्षण हैं. 

2. ऊंचाई पर जाने या ऊंचाई के बारे में सोचने पर भी डर या घबराहट होना, चिड़चिड़ापन या उत्तेजना, अलगाव की भावना और अति सतर्कता एक्रोफोबिया के मानसिक लक्षण हैं. 

एक्रोफोबिया से ऐसे पाएं निजात

1. एक्रोफोबिया की प्रकृति को जानना और यह आपके मन और शरीर को कैसे प्रभावित करता है, ये समझना बहुत जरूरी है. डर के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के साथ-साथ इस स्थिति के बारे में आम गलतफहमियों के बारे में जानना बेहद जरूरी है. 

2. एक्रोफोबिया से छुटकारा पाने के लिए खुद को ऊंचाइयों के संपर्क में लाने की शुरुआत करें. जैसे कि एक छोटी सी सीढ़ी पर खड़े होना या कम ऊंचाई वाली बालकनी से बाहर देखना. इससे आपका डर कम होने लगेगा. 

3. डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन एक्रोफोबिया को कम करने में काफी मददगार होता है. इसलिए रोजाना इन्हें करने की आदत डालें. 

4. ऊंचाई के बारे में नकारात्मक विचार एक्रोफोबिया को बढ़ा सकते हैं. इसलिए गिरने के बारे में सोचना छोड़ दें और अपना ध्यान सकारात्मक चीजों पर लगाएं.

5. संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा या सी.बी.टी. से भी एक्रोफोबिया का उपचार किया जा सकता है. इसे सीबीटी थेरेपी या टॉक थेरेपी भी कहा जाता है. इसमें बातचीत के जरिए ओवरथिकिंग को नियंत्रित करके नकारात्मक विचारों को काबू किया जाता है. 

6. एक्सपोजर थेरेपी भी एक्रोफोबिया से बचने में मददगार है. इस तरह की थेरेपी में आप एक चिकित्सक के साथ मिलकर धीरे-धीरे खुद को उन चीजों के संपर्क में ला सकते हैं, जिनसे आप डरते हैं. फिर धीरे-धीरे ऊंचाई से लगने वाला डर कम होने लगता है. 

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