NIA conducts raids across India Bihar West Bengal on Bangladesh linked al Qaeda case ann अल-कायदा की साजिश पर NIA का बड़ा एक्शन, बिहार-बंगाल समेत 6 राज्यों में की छापेमारी


India NIA Seatch Operation: भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार (11 नवंबर ) को आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़े संदिग्धों के खिलाफ बड़े पैमाने पर देशभर में सर्च ऑपरेशन किया है. इस ऑपरेशन के तहत जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम सहित नौ जगहों पर जांच की गई. एनआईए की यह कार्रवाई आतंकवाद को लेकर देश की सुरक्षा और रक्षा नीति को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. छापेमारी के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, बैंकिंग दस्तावेज और सबूतों का खुलासा हुआ है, जिससे टेरर फंडिंग का मामला सामने आया है.

NIA के अनुसार, इन संदिग्धों का संबंध बांग्लादेश आधारित अलकायदा नेटवर्क से है. यह समूह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय युवाओं को उकसाने और फंडिंग करने की साजिश रच रहा था. एनआईए की यह छापेमारी 2023 में दर्ज एक मामले से जुड़ी है, जिसमें आरोप है कि संदिग्धों ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग का कार्यभार संभाला था.

छापेमारी में मिले सबूतों से टेरर फंडिंग का खुलासा
एनआईए ने ऑपरेशन के दौरान कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं, जिनमें मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल माध्यम शामिल हैं. इनसे मिले बैंकिंग दस्तावेजों में बांग्लादेश से टेरर फंडिंग का संकेत मिला है. एनआईए के मुताबिक, अलकायदा के लिए फंडिंग करने वाले कई बांग्लादेशी नागरिकों के संपर्क का खुलासा हुआ है, जिनके जरिए फंड्स को भारत में पहुंचाया गया था. छानबीन में मोबाइल डेटा, बैंक ट्रांजैक्शन और अन्य डिजिटल जानकारी भी शामिल है, जो टेरर फंडिंग नेटवर्क की ओर इशारा करती है.

भारतीय युवाओं को उकसाने की साजिश
एनआईए ने अपने बयान में कहा कि संदिग्ध अलकायदा के लिए फंडिंग करने और भारत में युवाओं को उग्र बनाने का प्रयास कर रहे थे. आरोपियों का उद्देश्य था कि भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित कर, उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किया जा सके. इस प्रयास में अलकायदा के कथित तौर पर जुड़े कई बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे, जो भारतीय नागरिकों के साथ मिलकर ये सब कर रहे थे.

NIA का महत्वपूर्ण कदम 
इस ऑपरेशन में एनआईए ने पिछले साल नवंबर में चार्जशीट भी दर्ज की थी, जिसमें चार बांग्लादेशी नागरिक और एक भारतीय नागरिक, फरीद का नाम शामिल था. एनआईए द्वारा जुटाए गए सबूतों से यह पता चलता है कि आरोपियों ने संगठित रूप से आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग की व्यवस्था की थी. NIA की यह कार्रवाई भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ जारी ऑपरेशन का हिस्सा है.

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