पितृ पक्ष में न करें इन 6 वस्तुओं का दान


Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर यानी आज से हो रही है और समापन 2 अक्टूबर, सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष में दान का विशेष महत्व माना गया है जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. कहते हैं पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में अपने पितरों के नाम का दान जरूर करना चाहिए जिससे महापुण्य की प्राप्ति होती है. लेकिन, उसके अलावा कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनका पितृ पक्ष में दान नहीं करना चाहिए. तो आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में. 

1. लोहे के बर्तन

पितृ पक्ष में लोहे से बने बर्तनों का कभी भी दान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा आप चाहें तो पीतल, सोने और चांदी के बर्तनों का दान कर सकते हैं. 

2. चमड़े की चीजें

पितृ पक्ष में चमड़े से बनी चीजों या वस्तुएं का इस्तेमाल निषेध हैं. माना जाता है कि पितृ पक्ष में चमड़े का प्रयोग बहुत अशुभ होता है.

3. पुराने कपड़े

इसके अलावा, पितृ पक्ष में पुराने कपड़े भी दान में देना अच्छा नहीं माना जाता है. पितृ पक्ष में हमेशा ब्राह्मणों को नए वस्त्र ही दान करने चाहिए. 

4. काले कपड़े

हिंदू पूजा और सभी अनुष्ठानों में काले रंग का इस्तेमाल करना निषेध होता है, साथ ही अशुभ भी होता है. इसलिए, पितृ पक्ष में काले रंग के वस्त्र या कंबल दान करने से बचें. 

5. तेल

पितृ पक्ष में किसी तरह का तेल दान में नहीं दान चाहिए. विशेष रूप से श्राद्ध पक्ष में सरसों का तेल दान नहीं करना चाहिए.

6. बचा हुआ खाना

श्राद्ध पक्ष में पितरों को सिर्फ शुद्ध एवं ताजा ही अर्पित करना चाहिए. पितरों को गलती से भी झूठा या बचा खाना नहीं देना चाहिए. 

पितृ पक्ष तर्पण विधि (Pitru Paksha Tarpan Vidhi) 

प्रतिदिन सूर्योदय से पहले एक जूड़ी ले लें, और दक्षिणी मुखी होकर वह जूड़ी पीपल के वृक्ष के नीचे स्थापित करके, एक लोटे में थोड़ा गंगा जल, बाकी सादा जल भरकर लौटे में थोड़ा दूध, बूरा, काले तिल, जौ डालकर एक चम्मच से कुशा की जूडी पर 108 बार जल चढ़ाते रहें और प्रत्येक चम्मच जल पर यह मंत्र उच्चारण करते रहे. 

पितृ को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम 

पितृ पक्ष में अगर कोई जानवर या पक्षी आपके घर आए, तो उसे भोजन जरूर कराना चाहिए. मान्‍यता है कि पूर्वज इन रूप में आपसे मिलने आते हैं. पितृ पक्ष में पत्तल पर भोजन करें और ब्राह्राणों को भी पत्तल में भोजन कराएं, तो यह फलदायी होता है. 

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