Ratan Tata Death News: उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं हैं. उनकी मौत के बाद उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों के बारे में एक बार फिर से बहुत चर्चा हो रही है. लोगों के सामने इस बार में बहुत सी जानकारियां भी मौजूद हैं, लेकिन बहुत कम लोग उनकी निजी जिंदगी के बारे में जानते हैं.
ये अधिकतर लोगों को पता है कि रतन टाटा अविवाहित थे, लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि वह अपने जीवन में चार बार शादी करने के करीब पहुंचे, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से बात नहीं बनी. आइए यहां हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े इस पहलु के बारे में विस्तार से बताते हैं.
डर और अन्य कारणों से शादी से हटते गए पीछे
रतन टाटा ने सीएनएन को 2011 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने जीवन में चार बार शादी करने के करीब पहुंचे, लेकिन हर बार डर के कारण पीछे हट गए. उन्होंने कहा था, “मैं चार बार शादी करने के बहुत करीब पहुंचा और हर बार डर के कारण या किसी अन्य कारण से पीछे हट गया. हर बार अलग-अलग अवसर थे, लेकिन जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, इसमें शामिल लोगों को देखता हूं; तो लगता है कि मैंने जो किया वह कोई बुरी बात नहीं थी. मुझे लगता है कि अगर शादी हो जाती तो यह और भी जटिल हो सकता था.” उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने जीवन में चार बार सीरियस प्यार में पड़े थे.
‘एक अमेरिकी महिला से थी शादी की पूरी तैयारी लेकिन…’
रतन टाटा ने बताया कि जिन 4 लड़कियों के प्यार में वह पड़े थे, उनमें से एक अमेरिकी महिला थी. उसके साथ वह काफी समय रिलेशनशिप में रहे, उस महिला से उनकी मुलाकात अमेरिका में काम के दौरान हुई थी. उन्होंने कहा, “मैं तब शायद सबसे ज़्यादा गंभीर था और हमारी शादी न होने का एकमात्र कारण यही था. मैं 1962 में दादी के बीमार होने पर भारत वापस आ गया था और वह मेरे पीछे आने वाली थी, लेकिन तब भारत-चीन के बीच युद्ध चल रहा था. उसके परिवार वाले और वह बाद में इसी वजह से भारत नहीं आई. बाद में उसने अमेरिका में ही शादी कर ली.”
‘पत्नी न होने पर कभी-कभी महसूस होता है अकेलापन’
रतन टाटा ने टीवी होस्ट सिमी ग्रेवाल के साथ एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि बिना पत्नी, बिना बच्चों, बिना परिवार के आपको क्या प्रेरित करता है? इस सवाल के जवाब में रतन टाटा ने कहा था, “मुझे नहीं पता कि मुझे क्या प्रेरित करता है, लेकिन मैं बस एक मिनट के लिए उस पर ही रुकना चाहता हूं. कई बार मुझे पत्नी या परिवार न होने पर अकेलापन महसूस होता है और कभी-कभी, मैं इसके लिए तरसता हूं, लेकिन कभी-कभी, मैं किसी और की भावनाओं या किसी और की चिंताओं के बारे में चिंता न करने की स्वतंत्रता का आनंद लेता हूं.”
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