Sambhal Violence News: संभल हिंसा को लेकर पुलिस और प्रशासन लगातार कई खुलासा कर रहे हैं. इस मामले में अब तक पुलिस 25 आरोपियों को जेल भेज चुकी है. जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
संभल जिलाधिकारी ने शाही जामा मस्जिद के सदर (अध्यक्ष) जफर अली के आरोपों का जवाब दिया. जिसमें शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने कहा कहा था कि उन्हें सर्वे की सूचना नहीं दी गई. जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि कोर्ट से सर्वे का आदेश दोपहर को 2.38 मिनट पर मिला था और हमलोग शाम 5 बजे सर्वे के लिए पहुंचे थे.
जामा मस्जिद सर्वे पर क्या कहा?
डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा, “जामा मस्जिद के बाकी के सर्वे की कार्यवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख निर्धारित की गई थी.” उन्होंने कहा, “जफर अली को 23 नवंबर को सर्वे की कॉपी रिसीव करवाई गई, जिसमें उनसे 24 नवंबर को सुबह में सर्वे करवाने की बात की गई थी.” डीएम ने बताया कि कोर्ट का आदेश 2 बजकर 38 मिनट पर का है और हम 5 बजे तक जामा मस्जिद की तरफ प्रस्थान कर चुके थे.
संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि जफर अली के अनुसार एक साथ 900 लोग मस्जिद में घुस गए. इस दौरान सर्वे में अवरोध पैदा किया जा रहा था. उन्होंने कहा,”जफर अली के बयान में अंतर्विरोध है. उन्होंने वजू टैंक के पानी को खाली करवाकर फोटोग्राफी करने की बात बताई, जबकि हर शुक्रवार को वजू टैंक से पानी खाली करवाया जाता है.”
‘जफर अली को नहीं किया गिरफ्तार’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के गिरफ्तारी को लेकर भी बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि जफर अली ने बताया कि सर्वे की इजाजत जिलाधिकारी ने दी है, जबकि मैंने अनुमति नहीं दी है. डीएम राजेंद्र पैंसिया के मुताबिक, जफर अली को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है. जफर अली को फोन करके सिर्फ बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.
शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के आरोपों का संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया ने खंडन किया. उन्होंने कहा कि जफर अली ने डीएम, पुलिस कप्तान और डीआईजी के जरिये फायरिंग कराने की बात बताई थी. हालांकि उनका ये बयान बिल्कुल झूठ है.
‘पुलिस पर गाड़ी जलाने के आरोप गलत’
संभल हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई है, उनका पोस्टमार्टम कराया गया है. डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा, “मृतकों की पोस्टमार्टम की सारी रिपोर्ट उपलब्ध करवा दी जाएगी.” उन्होंने कहा कि पुलिस के जरिये गाड़ी जलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बिल्कुल गलत और भ्रामक है.
जामा मस्जिद के सदर जफर अली पर आरोप लगाते हुए डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा, “जफर अली कभी कहते हैं कि दंगाई फायरिंग कर रहे थे और कभी कहते हैं कि पुलिस फायरिंग कर रही थी.” उन्होंने कहा,”हिंसा के दौरान नॉन लेथल वेपन (गैर घातक हथियार) के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी. इस तरह की जो विजुअल्स हैं, उनमें रबर पैलेट गन है.”
‘घटना की न्यायिक जांच के आदेश’
जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि संभल हिंसा में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं और 7 दिनों में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि इस घटना में चार लोगों की मौत हुई है, इनकी मौत किसकी गोली लगने की वजह से हुई है, यह जांच का विषय है.
राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि संभल हिंसा में पुलिस से असलहा लूट कर उसका इस्तेमाल किया गया है. धार्मिक नारेबाजी के सवाल पर डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि जब पत्थरबाजी चारों तरफ से कर रहे थे, वह फुटेज आने के समय का नहीं बल्कि जाने के समय का है.
‘शिक्षित व्यक्ति को जाहिल मार देंगे’
शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान फैली हिंसा को लेकर सीओ अनुज चौधरी ने भी बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा, “पुलिस कोर्ट के आदेश का पालन कर रही थी, लेकिन सर्वे के दौरान भीड़ इकट्ठी हो गई, वे भ्रमित थे.” संभल सीओ ने कहा, “जब वहां सर्वे चल रहा था तो वहां इकट्ठा होने की क्या जरूरत थी? वहां कोई युद्ध थोड़े ही चल रहा था.”
हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी के सवाल पर सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि पुलिस के पास 315 बोर की गोलियां नहीं हैं, जो हिंसा के दौरान चलाई गई. उन्होंने कहा कि मेरे पांव में भी गोलियां और छर्रे लगे हैं. हमें भी आत्मरक्षा का अधिकार है. हम लोग पुलिस में मरने के लिए नहीं भर्ती हुए हैं.
सीओ अनुज चौधरी ने कहा, “एक पढ़े लिखे आदमी को इन जैसे जाहिल मार देंगे. पुलिस वालों का भी पूरा परिवार है.” उन्होंने कहा, “पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं, अरे आप सिचुएशन भी तो देखिये.” संभल सीओ ने कहा, “मैंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो जरूरी कदम उठाने थे वह उठाए. हमारी ओर से किसी को मारने की कोई बदनीयती नहीं थी.”
‘मौके पर थी 15-20 हजार की भीड़’
पूरे घटनाक्रम को लेकर सीओ अनुज चौधरी ने कहा, “उन लोगों की भीड़ में कोई अपराधी था, कोई कहीं का था. इसमें किसी की आपसी रंजिश भी हो सकती है.” उन्होंने कहा, “मौके पर 15 से 20 हजार लोगों की भीड़ थी. उसमें कौन कैसा आदमी है, कहा नहीं जा सकता है.”
पुलिसिया कार्रवाई का बचाव करते हुए संभल सीओ ने कहा, “पुलिस एक ट्रेंड फोर्स है. उन्हें पता है कि गोली कहां चलानी है.” मृतकों के सवाल पर उन्होंने कहा, “पुलिस की गोली से कोई नहीं मारा गया है. ना ही पुलिस ने मारने की नियत से गोली चलाई, अगर पुलिस को गोली ही चलानी होती तो शुरू में 4 घंटे अपने हाथ पैर क्यों तोड़वाते. क्यों पत्थर और गोली खाते.”
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