unchecked inflation could harm India


RBI On Inflation: महंगाई में आ रही तेज उछाल पर नियंत्रण नहीं लगाया गया तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है.  बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर महीने के जारी किए गए बुलेटिन में ये बातें कही है. आरबीआई के मुताबिक, त्योहारों के सीजन के दौरान खपत में उछाल और कृषि क्षेत्र में रिकवरी से मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था को सहारा मिला है और मांग में सुस्ती की भरपाई की जा सकी है. लेकिन महंगाई दर में अनियंत्रित बढ़ोतरी वास्तविक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है.  

जीवन-यापन पर खर्च बढ़ा

आरबीआई बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर लिखे लेख में बताया कि अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर में तेज उछाल देखने को मिला है और सितंबर में महंगाई को लेकर आरबीआई को ओर से दी गई चेतावनियों सो सही ठहराता है. बुलेटिन में आरबीआई ने बताया कि, खाद्य वस्तुओं और खाद्य तेलों की कीमतों में तेज उछाल के चलते महंगाई बढ़ी है. आरबीआई के मुताबिक घरों में काम करने वाले या घर में खाना पकाने वालों के वेतन मजदूरी में बढ़ोतरी के चलते लोगों के जीवन-यापन पर खर्च का दबाव बढ़ा है. 

महंगाई से उद्योगजगत और एक्सपोर्ट्स को नुकसान

आरबीआई ने वस्तुओं और सेवाओं में इनपुट लागत के बढ़ने के बाद इन चीजों के बिक्री मूल्यों में पर नजर रखने की जरूरत पर जोर दिया है. आरबीआई के मुताबिक, महंगाई के चलते पहले से ही शहरी क्षेत्रों में उपभोग मांग (urban consumption demand) में कटौती हो रही है तो इसका असर कॉरपोरेट्स की कमाई और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर भी पड़ा है. ऐसे में महंगाई दर को इसी प्रकार बगैर के नियत्रंण के बढ़ने दिया गया तो इससे अर्थव्यवस्था समेत उद्योगजगत और एक्सपोर्ट्स को नुकसान होगा. 

शहरों में मिडिल क्लास पर महंगाई का बोझ

आरबीआई ने भी ये स्वीकार किया है कि महंगाई के चलते शहरी क्षेत्रों में खपत में कटौती हो रही है. एफएमसीजी कंपनियों ने दूसरी तिमाही के जो नतीजे घोषित किए हैं उसमें इन कंपनियों ने भी यही दोहराया है.  एफएमसीजी कंपनियों ने कहा कि, कमरतोड़ महंगाई के चलते शहरी इलाकों में एफएमसीजी और फूड आईटम्स के डिमांड पर असर पड़ा है. नेस्ले के सीईओ सुरेश नारायण ने तो यहां तक कहा, जिन लोगों के पास पैसा है वो जबरदस्त खर्च कर रहे हैं. लेकिन मिडिल-क्लास के हाथ तंग है. दरअसल अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि खाद्य महंगाई दर 11 फीसदी के करीब 10.87 फीसदी रही है. 

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