Waqf Amendment Bill will not be passed in winter session tenure of Parliamentary Committee will Extended till next session ann  इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल


Waqf Bill:  वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल बजट सत्र के आखिरी हफ्ते तक बढ़ सकता है. आज हुई जेपीसी की बैठक के दौरान कमेटी के सदस्यों की तरफ से अध्यक्ष जगदंबिका पाल के पास यह सुझाव रखा गया की कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि अभी भी इस मामले में कई स्टेकहोल्डर से मुलाकात और बातचीत बाकी है.

सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कमेटी के सदस्यों को भरोसा दिलाया है कि उन्होंने जो मांग उनके सामने रखी है उसको कल यानी 28 नवंबर को सदन के सामने रखा जाएगा क्योंकि इस समिति का गठन सदन ने किया है. लिहाजा कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला सदन की ओर से ही किया जाएगा. इसका मतलब साफ है कि मौजूदा शीतकालीन सत्र में फिलहाल अब वक्फ संशोधन बिल नहीं आएगा और ना ही उसको पास कराने को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा होगी.  

अभी भी कई राज्यों ने कमेटी के सवालों का नहीं दिया जवाब

सूत्रों  के मुताबिक, अभी कई राज्यों को कमेटी की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देना है और अभी कमेटी की ओर से पूछे गए सवालों को लेकर राज्यों की तरफ से बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद जवाब नहीं आ रहा. इसके साथ ही अभी कई और स्टेकहोल्डर से भी कमेटी को बात करनी है और उनसे चर्चा करने के बाद ही ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने को लेकर आगे बढ़ा जाएगा.

दिल्ली सरकार के मंत्री या मुख्यमंत्री को मिलना चाहिए पक्ष रखने का मौका

सूत्रों के मुताबिक, कमेटी की आज की बैठक के दौरान दिल्ली की वक्फ संपत्तियों को लेकर विपक्षी सांसदों ने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री या मुख्यमंत्री को अपने पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए क्योंकि इससे पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड के जो अधिकारी आए थे, उन्होंने सरकार का जो पक्ष था वह कमेटी के सामने नहीं रखा बल्कि अपनी जानकारी और राय कमेटी समिति के सामने रखी.

29 नवंबर को खत्म हो रहा जेपीसी का कार्यकाल

वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल शुक्रवार यानी 29 नवंबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में इस कमेटी को आगे जारी रखने के लिए जरूरी है कि कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जाए और इसी वजह से अब सभी सदस्यों की सहमति के बाद समिति का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सदन की अनुमति ली जाएगी.

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